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    यमुना उफान पर, जलस्तर 3 लाख क्यूसेक के पास:5 जिलों में बाढ़ का खतरा; जमीन कट रही, बांध रिस रहे, आबादी क्षेत्र अलर्ट पर

    1 week ago

    पहाड़ों पर तेज बारिश से यमुना नदी उफान पर है। सोमवार सुबह 11 बजे हथिनीकुंड बैराज पर नदी का जलस्तर 3,21,653 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सर्वाधिक है। हालांकि, दोपहर बाद जलस्तर घटना शुरू हो गया और दोपहर 3 बजे 2,96,810 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। जलस्तर 3 लाख क्यूसेक के करीब होने की वजह से 5 जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया, जिनमें यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत व फरीदाबाद शामिल हैं। इसके बाद पानी दिल्ली में प्रवेश करता है। हथिनीकुंड बैराज यमुनानगर जिले में है। यहां के सिंचाई विभाग के सूत्रों के मुताबिक, रविवार को नदी का जलस्तर डेढ़ लाख क्यूसेक था। सोमवार सुबह 4 बजे अचानक इसमें तेजी से बदलाव आया और सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक यह 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा बना रहा। दोपहर 2 बजे के बाद इसमें कुछ गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली तक 72 के बजाय 50 घंटे में पहुंचेगा पानी सामान्य स्थिति में हथिनीकुंड बैराज से 72 घंटे में यमुना का पानी दिल्ली पहुंचता है। इस बार 5 घंटे से लगातार जलस्तर ज्यादा है। पानी की मात्रा और गति ज्यादा होने से इस बार 50 घंटे में ही दिल्ली राजघाट तक पहुंचने के आसार हैं। दिल्ली के बाहरी क्षेत्र की कई कॉलोनियों में यमुना का पानी मार करता है। 5 जिलों में अलर्ट की स्थिति हरियाणा में यमुना नदी किनारे के पांचों जिलों यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत व फरीदाबाद में प्रशासन ने अलर्ट घोषित किया है। यमुना में उफान आने के बाद इन्हीं जिलों को बाढ़ झेलनी पड़ती है। खासकर फसलों को नुकसान पहुंचता है और कई गांवों का संपर्क भी कट जाता है। सबसे बड़ा खतरा भूमि कटाव का रहता है। कलेसर से मैदान में उतरती है यमुना यमुना नदी हिमाचल के पहाड़ों से उतरकर यमुनानगर जिले के कलेसर के पास मैदान में उतरती है। यहां नदी के एक तरफ हरियाणा है और दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी तरफ से तटबंध काफी मजबूत कर रखे हैं, इस वजह से यमुना का पानी हरियाणा की तरफ ज्यादा नुकसान करता है। यमुनानगर के बाद करनाल, पानीपत, सोनीपत जिलों से होकर यमुना फरीदाबाद तक जाती है। अब जानिए जिन जिलों से यमुना बहती है, वहां की स्थिति क्या... यमुनानगरः 5 गांवों में भूमि कटाव, पत्थर के बंध भी रिसने लगे, लापरा के खेतों तक पानी यमुनानगर जिले के गांव लापरा के खेतों तक यमुना का पानी पहुंच गया है। मांडेवाला, नवाजपुर में भूमि कटाव हो रहा है। यह खनन एरिया हैं। बेलगढ़ में बने रेत-बजरी-पत्थर के बंध से पानी रिसने लगा है। कलेसर में भी भूमि कटाव हो रहा है। इसके अलावा छोटा लापरा, टापूमाजरी, घोड़ों पिपली, लाल छप्पर, जठलाना, गुमथला, संधाला-संधाली, पोबारी, बागवाली, उन्हेड़ी सहित कई गांव पड़ते हैं, जिनमें यमुना नदी के पानी का प्रभाव रहता है। फिलहाल इन गांव में स्थिति सामान्य है, लेकिन यमुना के रौद्र रूप को देखते हुए ग्रामीणों की चिंता बढ़ी हुई है। कमालपुर टापू के लोग पलायन करने को मजबूर हैं। यहां 2 साल पहले 7 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई मोटे पत्थरों की पटरी टूट चुकी है। पानी के तेज बहाव के कारण भूमि कटाव लगातार जारी है। करनालः इंद्री में यमुना सटे इलाकों में अलर्ट, घरौंडा के खेतों में पानी भरा करनाल में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। घरौंडा के गढ़ी भरल इलाके में यमुना से सटे खेतों में 4 फीट तक पानी जमा हो गया है। कलसौरा के खेतों में भी पानी घुसना शुरू हो गया है। इसी तरह, इंद्री में भी अलर्ट जारी किया गया है। आशंका है कि दोपहर बाद तक पानी कुछ गांवों में प्रवेश कर सकता है। पहले यमुना में 2 लाख 72 हजार क्यूसेक पानी था। सुबह जो पानी छोड़ा गया है, वह दोपहर बाद तक करनाल के इन इलाकों में पहुंच जाएगा। इंद्री के चंद्राव, नबीयाबाद, जम्पी छपरा, नगली, कमालपुर, डबकौली कलां व डबकौली खुर्द में यमुना के कारण फसलें प्रभावित होती हैं। फिलहाल पानी तटबंध से थोड़ा नीचे बह रहा है, लेकिन जैसे ही जल स्तर बढ़ेगा, यहां जल-थल एक हो जाएगा। पानीपत: 7 गांवों का हरियाणा से संपर्क टूटने का खतरा बना पानीपत में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां यमुना के किनारे बसे 7 गांव बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं। गढ़ी सनौली, गढ़ी बेसिक, नवादा आर, नवादा पार, पत्थरगढ़, तमसाबाद और राणा माजरा गांव ऐसे हैं, जिनका हरियाणा से संपर्क टूट जाता है। तब लोग यूपी की तरफ से निकलते हैं। यहां सोमवार दोपहर बाद तक हथिनीकुंड से आ रहा पानी पहुंचने का अनुमान है। यमुना का खतरे का मीटर 231.50 है। अभी पानी बिल्कुल इस निशान पर बह रहा है। सोनीपतः 30 गांवों में चिंता बढ़ी, यहां भूमि कटाव से जमीन नदी में समा जाती है ​​​सोनीपत जिले में गन्नौर से लेकर दिल्ली बॉर्डर तक करीब 30 गांव हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं। गांवों में बख्तावरपुर, गढ़ी, मेहंदीपुर, और जैनपुर समेत काफी शामिल हैं। फसलें बर्बाद होने के बाद अब उपजाऊ मिट्टी का बह जाना उनके लिए एक बड़ा नुकसान है। ​हालांकि प्रशासन का कहना है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन अगले 24 से 48 घंटों में जलस्तर बढ़ने की संभावना है। प्रशासन ने पहले ही मुनादी करवाकर गांवों के लोगों को अलर्ट कर दिया है। फरीदाबाद: 100 से ज्यादा परिवार पहले ही घर छोड़कर जा चुके दिल्ली के ओखला बैराज से यमुना नदी में 56455 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके अलावा हथिनीकुंड बैराज से भी पानी छोड़ दिया गया है। 48 घंटे के बाद इस पानी का असर फरीदाबाद में देखने को मिलेगा। फरीदाबाद के कई गांव में खेतों में घुसे पानी का जलस्तर कम हुआ, लेकिन गांव बसंतपुर में अभी भी घरों के बाहर पानी बह रहा है। 100 से ज्यादा मकान मालिक अपने घरों को छोड़कर बाहर रिश्तेदारियों या फिर किराए पर रह रहे हैं। बीते रविवार को 55 हजार क्युसेक पानी नदी में छोड़ा गया था। गांव राजपुरा और चांदपुर के खेतों में रविवार को नदी का पानी घुस गया था जिसके चलते गांव राजपुरा में करीब 40 एकड़ में व गांव चांदपुर में करीब 200 एकड़ में खड़ी फसल में पानी घुसा था। बल्लभगढ़ के SDM मयंक भारद्वाज ने सोमवार को मोहना गांव का दौरा करके यमुना के जलस्तर का निरीक्षण किया। यमुना से सटे सभी गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 0129-2227937, 2226262 जारी किए हैं। ---------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- हिसार में 7 नहरें टूटी, हजारों एकड़ फसलें डूबीं:बारिश से 65 गांवों में बिजली गुल; 50 फुट लंबी दीवार टूटी; 33KV के 3 सब स्टेशन डूबे हिसार में लगातार बारिश से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लगातार 3 दिन से हो रही बारिश के कारण 33 केवी सब स्टेशन भिवानी रोहिल्ला-बुड़ाक, आर्य नगर-बरवाला और भाटला सब स्टेशनों में तीन-तीन फुट तक पानी भर गया है। इसके कारण हिसार सर्कल के 65 से अधिक गांवों में 12 घंटे से ज्यादा बिजली गुल रही। पढ़ें पूरी खबर...
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