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    GST के अब दो स्लैब 5% और 18%:22 सितंबर से लागू होंगे; रोटी-पराठा GST फ्री; हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स नहीं

    1 week ago

    अब GST के 4 की जगह केवल दो स्लैब 5% और 18% होंगे। इससे आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू के साथ AC, कार भी सस्ते होंगे। GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि दूध, रोटी, पराठा, छेना समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। वहीं इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स नहीं लगेगा। 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी। इसके अलावा लग्जरी आइटम्स और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर अब 28% की जगह 40% GST लगाया जाएगा। मध्यम और बड़ी कारें, 350cc से ज्यादा इंजन वाली मोटरसाइकिलें इस स्लैब में आएंगे। नए स्लैब 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे वित्त मंत्री ने बताया कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। हालांकि, तंबाकू वाले सामान पर नई 40% GST दर अभी लागू नहीं होगी। इन बदलावों का मकसद आम आदमी को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना और हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर उनके उपयोग को कम करना है। ये बदलाव नागरिकों की जिंदगी बेहतर बनाएंगे: PM पीएम मोदी ने X पर लिखा, 'मुझे खुशी है कि जीएसटी काउंसिल ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें जीएसटी दरों में कटौती और कई सुधार शामिल हैं। इससे आम जनता, किसान, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाएं और युवा सभी को फायदा होगा। ये बड़े बदलाव हमारे नागरिकों की जिंदगी बेहतर बनाएंगे और कारोबार करना आसान करेंगे। खासकर छोटे व्यापारियों और व्यवसायों को मदद मिलेगी।' अब सवाल-जवाब में GST में हुए बदलावों के बारे में जानिए... सवाल 1: जीएसटी की दरों में क्या बड़ा बदलाव हुआ है? जवाब: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अब जीएसटी के 5%, 12%, 18% और 28% के स्लैब को घटाकर दो कर दिया गया है। अब सिर्फ 5% और 18% का स्लैब होगा। इसके अलावा, तंबाकू, पान मसाला, कार्बोनेटेड ड्रिंक और लग्जरी सामान जैसे बड़ी कारों, याट व्यक्तिगत उपयोग के लिए विमान पर 40% की विशेष टैक्स दर होगी। कुछ सामान जैसे UHT दूध, छेना, पनीर, रोटी, चपाती, पराठा पर जीएसटी पूरी तरह हटाकर 0% कर दिया गया है। तंबाकू को छोड़कर नई दरें 22 सिंतबर से लागू हो जाएंगी। उदाहरण: हेयर ऑयल पहले: मान लो एक हेयर ऑयल की बोतल की कीमत 100 रुपए थी और उस पर 18% जीएसटी लगता था तो कैलकुलेशन कुछ इस तरह होगा... जीएसटी = 100 × 18% = 18 रुपए कुल कीमत = 100 + 18 = 118 रुपए अब: नई दर 5% है। जीएसटी = 100 × 5% = 5 रुपए कुल कीमत = 100 + 5 = 105 रुपए फायदा: पहले 118 रुपए में मिलने वाली बोतल अब 105 रुपए में मिलेगी। सवाल 2: जीएसटी दरों में बदलाव का मकसद क्या है? जवाब: वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीएसटी 2.0 का मकसद टैक्स ढांचे को सरल बनाना, आम लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना, और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करना है। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर तब होता है जब कच्चे माल पर जीएसटी की दर तैयार उत्पाद से ज्यादा होती है। इससे उत्पादन महंगा हो जाता है, क्योंकि निर्माता को कच्चे माल पर ज्यादा टैक्स देना पड़ता है, लेकिन तैयार माल पर कम टैक्स मिलता है। सवाल 3: इन बदलावों से आम आदमी को क्या फायदा होगा? जवाब: ये बदलाव आपकी जेब पर बोझ कम करेंगे। रोज के सामान, खाना की चीजें और छोटी गाड़ियां सस्ती हो जाएगी। व्यक्तिगत, परिवार, और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा पर 18% टैक्स हट गया है। इससे बीमा लेना सस्ता होगा और ज़्यादा लोग इसे ले सकेंगे। सवाल 4: इन बदलावों से किसानों और उद्योगों को क्या फायदा होगा? जवाब: किसानों के लिए ट्रैक्टर, खेती-बागवानी की मशीनें, हार्वेस्टिंग मशीनें और कम्पोस्टिंग मशीनों पर जीएसटी 12% से घटकर 5% हुआ है। 12 जैव कीटनाशकों पर भी टैक्स 12% से 5% हुआ है, जिससे खेती सस्ती होगी। वहीं उद्योगों के लिए: सवाल 5: जीएसटी की दरें कम करने से सरकार को नुकसान नहीं होगा? जवाब: वित्त मंत्री ने माना कि रोजमर्रा के सामान पर टैक्स कम करने से शुरुआत में राजस्व पर असर पड़ सकता है। SBI रिसर्च के मुताबिक, अगर नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू होती हैं, तो सालाना 85,000 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हो सकता है। लेकिन सीतारमण का कहना है कि खपत बढ़ने से लंबे समय में इसकी भरपाई हो जाएगी। साथ ही, टैक्स चोरी रोकने और अनुपालन बढ़ाने से राजस्व में इजाफा होगा। 40% स्लैब पर लग्जरी और सिन गुड्स से भी अच्छी आय की उम्मीद है। सवाल 6: तंबाकू उत्पादों पर टैक्स की नई दर अभी क्यों लागू नहीं होगी? जवाब: अभी तंबाकू उत्पाद जैसे पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, और बीड़ी पर 28% जीएसटी के साथ मुआवजा उपकर लगता है, जो उत्पाद के हिसाब से 5% से 290% तक हो सकता है। उदाहरण के लिए, गुटखा पर 204% और असंसाधित तंबाकू पर 71% उपकर है। नई 40% जीएसटी दर इन पर तब लागू होगी, जब उपकर का सारा कर्ज चुक जाएगा। इसकी तारीख वित्त मंत्री और जीएसटी परिषद तय करेंगे। GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह से मिल चुकी मंजूरी पिछले हफ्ते ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने केंद्र सरकार के दो स्लैब वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 21 अगस्त को बताया था कि ग्रुप ने मौजूदा 12% और 28% की दरों को हटाकर 5% और 18% के स्ट्रक्चर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। PM ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी रिफॉर्म्स का ऐलान किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कहा था कि इस साल दिवाली में बड़ा तोहफा मिलने वाला है। हम नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं। सामान्य लोगों के लिए टैक्स कम कर देंगे, रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएगी, लोगों को बहुत फायदा होगा। ---------------------- ये खबर भी पढ़ें... 1. GST सुधार से अमेरिकी टैरिफ का असर कम होगा: दावा- टैक्स कटौती से खपत ₹5.31 लाख करोड़ बढ़ सकती है, इससे इकोनॉमी को सपोर्ट भारत पर अमेरिका के टैरिफ का ज्यादा असर नहीं होगा। यह दावा फिच सॉल्यूशंस की कंपनी BMI ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में होने वाले सुधार से टैक्स रेट कम होंगे जिससे खपत बढ़ेगी। इससे अमेरिका के टैरिफ दबाव को कम किया जा सकेगा। GST सुधार और इनकम टैक्स में हालिया कटौती से खपत में ₹5.31 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हो सकती है। जो GDP का लगभग 1.6% है। पूरी खबर पढ़ें... 2. GST में 12% और 28% वाले स्लैब खत्म होंगे: 5% और 18% स्लैब को GoM की मंजूरी, इससे रोजाना इस्तेमाल की चीजें सस्ती होंगी GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह ने GST के 12% और 28% के स्लैब को खत्म करने की मंजूरी दे दी है। अब GST के सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% ही होंगे। लग्जरी आइटम्स 40% के दायरे में आएंगे। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) के संयोजक सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी दी। अभी जीएसटी के 4 स्लैब 5%, 12%, 18%, और 28% होते हैं। GoM की बैठक पर इसके संयोजक सम्राट चौधरी ने कहा- हमने केंद्र सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें 12% और 28% के जीएसटी स्लैब को खत्म करने की बात है। पूरी खबर पढ़ें...
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