SEARCH

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    वर्ल्ड अपडेट्स:नेतन्याहू बोले- नहीं बनेगा फिलिस्तीनी देश, अपनी विरासत और जमीन की रक्षा करेंगे; वेस्ट बैंक में ई1 सेटलमेंट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी

    3 days ago

    इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि फिलिस्तीनी देश का गठन कभी नहीं होगा। उन्होंने यह बयान वेस्ट बैंक के माले अदुमिम सेटलमेंट में एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए दिया। इस समझौते के तहत विवादित ई1 सेटलमेंट परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा, जिसके अंतर्गत पूर्वी यरुशलम के पास 12 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में हजारों नए घर, सड़कें और बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 1 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 8,400 करोड़ रुपए) है। नेतन्याहू ने कहा, 'यह जमीन हमारी है। हमअपनी विरासत और जमीन की रक्षा करेंगे।' ई1 (ईस्ट 1) को इजराइल की रक्षा मंत्रालय की योजना समिति ने हाल ही में अंतिम मंजूरी दी है। यह परियोजना पहले 2012 और 2020 में अमेरिका और यूरोपीय देशों के विरोध के कारण रुकी थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू किया गया है। ई1 परियोजना को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विवाद है। संयुक्त राष्ट्र (UN) और कई देशों का कहना है कि यह वेस्ट बैंक को दो हिस्सों में बांट देगी, जिससे इसका उत्तरी और दक्षिणी हिस्सा अलग हो जाएगा। साथ ही, यह पूर्वी इजराइल को बाकी वेस्ट बैंक से अलग-थलग कर देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे फिलिस्तीनी राज्य बनाना लगभग असंभव हो जाएगा। फिलिस्तीनी लोग पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी के रूप में देखते हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, वेस्ट बैंक में इजराइल के सभी सेटलमेंट अवैध माने जाते हैं। चौथा जेनेवा कन्वेंशन कहता है कि कोई भी कब्जा करने वाली शक्ति अपनी नागरिक आबादी को कब्जे वाले क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं कर सकती। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कई प्रस्तावों में इस बात को दोहराया है कि ये सेटलमेंट कानूनी रूप से मान्य नहीं हैं। हालांकि, इजराइल इसको खारिज करता है। उसका दावा है कि 1967 के छह-दिवसीय युद्ध से पहले वेस्ट बैंक किसी मान्यता प्राप्त राज्य के अधीन नहीं था, इसलिए चौथा जेनेवा कन्वेंशन लागू नहीं होता। साथ ही, इजराइल का कहना है कि सेटलमेंट में लोग अपनी मर्जी से बस रहे हैं, न कि सरकार द्वारा जबरन भेजे जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को 27 साल की जेल सुनाई गई, तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप था ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को सुप्रीम कोर्ट ने 27 साल और तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है। उनपर 2022 में चुनाव हारने के बाद भी सत्ता में बने रहने के लिए तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप था। कोर्ट के पांच जजों में से चार ने बोल्सोनारो को पांच अपराधों आपराधिक संगठन में शामिल होने, लोकतंत्र को उखाड़ फेंकने की कोशिश, तख्तापलट की साजिश, और सरकारी संपत्ति और धरोहर को नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराया। एक जज ने उन्हें बरी करने के पक्ष में वोट दिया। ब्राजील के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को लोकतंत्र पर हमला करने का दोषी ठहराया गया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस फैसले पर आश्चर्य जताया और इसे "विच हंट" (राजनीतिक साजिश) करार दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इसे राजनीतिक उत्पीड़न बताया और कहा कि अमेरिका इसका जवाब देगा। बोल्सोनारो के बेटे और ब्राजील के सांसद एडुआर्डो बोल्सोनारो ने इसे तानाशाही की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि वे अमेरिका से और प्रतिबंधों की उम्मीद करते हैं। एडुआर्डो ने पहले अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प और ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट से मुलाकात की थी, ताकि उनके पिता के खिलाफ मुकदमे को रोकने के लिए समर्थन जुटाया जा सके। अमेरिका ने ब्राजील के सामानों पर 50% टैरिफ लगा रखा है। ब्रिटेन ने अमेरिका में अपने राजदूत को पद से हटाया, यौन अपराधी एपस्टीन के करीबी थे; जेल से रिहाई के लिए लड़ने को कहा था ब्रिटेन ने पीटर मैंडेलसन को अमेरिका में अपने राजदूत के पद से हटा दिया है। मैंडेलसन यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन के करीबी थे। उनकी जगह जेम्स रोस्को को अंतरिम राजदूत बनाया गया है। ब्रिटिश विदेश मंत्रालय (FCDO) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मैंडेलसन लेबर पार्टी के बड़े नेता रहे हैं और पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के करीबी थे। ये एपस्टीन के साथ अपने रिश्ते को लेकर विवाद में थे। हाल ही में सामने आए ईमेल्स में पता चला कि मैंडेलसन ने 2008 में एपस्टीन को जेल से जल्दी रिहाई के लिए लड़ने की सलाह दी थी। उस समय एपस्टीन को नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के मामले में 18 महीने की सजा हुई थी। मैंडेलसन ने एपस्टीन को लिखा, 'मैं तुम्हें बहुत मानता हूं। यह ब्रिटेन में नहीं हो सकता।' इसके अलावा, 2003 में एपस्टीन के 50वें जन्मदिन के लिए बनी एक किताब में मैंडेलसन ने उन्हें 'मेरा सबसे अच्छा दोस्त' कहा था। यह जानकारी पहले से सार्वजनिक थी, लेकिन नए ईमेल्स ने उनके रिश्ते को साफ किया, जिसके बारे में उनकी नियुक्ति के समय मंत्रालय को पता नहीं था। प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने शुरू में मैंडेलसन का बचाव किया, लेकिन विपक्षी नेता केमी बडेनोक और अमेरिकी सांसदों की आलोचना के बाद उन्हें हटाने का फैसला लिया गया। मैंडेलसन ने कहा कि वे अपने और एपस्टीन के रिश्ते पर पछतावा करते हैं। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी एपस्टीन से जुड़े एक पत्र को लेकर विवाद में हैं, जिसमें उनकी सिग्नेचर के साथ एक आपत्तिजनक स्केच है। ट्रम्प ने इस पत्र को फर्जी बताया है। मैंडेलसन को 1998 और 2001 में भी मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था।
    Click here to Read more
    Prev Article
    नेपाल हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा 51 पहुंचा:इनमें एक भारतीय महिला भी; सुशीला कार्की का पीएम बनना लगभग तय
    Next Article
    यूक्रेन में फंसे फतेहाबाद के युवक ने भेजा वॉइस मैसेज:बोला-हमें सुबह 5 बजे युद्ध में लेकर जाएंगे; भाई से कहा-अब फोन नहीं लगेगा

    Related दुनिया Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment