SEARCH

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    ट्रम्प बोले-प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की, इसलिए मौत की अफवाह फैली:बाइडेन को लेकर कभी ऐसा नहीं हुआ; सोशल मीडिया में ट्रेडिंग था ‘ट्रम्प इज डेड’​​​​​​​

    5 days ago

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को अपने मरने की अफवाहों का मजाक उड़ाया। ट्रम्प ने मीडिया से कहा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं अटेंड कर पाया इसलिए मेरी मौत की अफवाह फैली। उन्होंने मीडिया को बताया- मैंने लगातार आठ प्रेस कॉन्फ्रेंस किए, फिर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस छूट गई क्योंकि मैं ओवल ऑफिस में था। इसके बाद अफवाह फैल गई कि ट्रम्प अब हमारे बीच नहीं रहे। लोगों ने मुझसे पूछा भी, सर, क्या आप ठीक हैं? ट्रम्प ने कहा कि इस फेक न्यूज के बाद उन्होंने तीन घंटे प्रेस ब्रीफिंग की। ट्रम्प ने दो दिनों तक काम न करने वाली खबर को भी फेक बताया। उन्होंने कहा कि बाइडेन महीनों काम नहीं करते थे पर उनके लिए कोई अफवाह नहीं फैली। उपराष्ट्रपति वेंस के बयान के बाद फैली अफवाह अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 27 अगस्त को एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि, किसी भी बुरी परिस्थिति में वे देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। इंटरव्यू के बाद ट्रम्प के सेहत से जुड़ी अफवाहें फैलने लगी थीं। इसके बाद पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर ट्रम्प की सेहत से जुड़े पोस्ट ट्रेंड करने लगे। 60 हजार से ज्यादा पोस्ट शेयर किए गए थे, जिसमें 'ट्रम्प इज डेड' लिखा था। कई X यूजर्स ने दावा किया था कि ट्रम्प को पिछले 24 घंटों से देखा नहीं गया है। इसी साल जुलाई में 79 साल के ट्रम्प के हाथ पर चोट के निशान और पैरों में सूजन की तस्वीरें सामने आयी थी। इसके बाद से ही ट्रम्प की सेहत पर चर्चा शुरू हुई थी। ट्रम्प के हाथ पर चोट के निशान दिखें थे 25 अगस्त को साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग के साथ मुलाकात के दौरान ट्रम्प के दाहिने हाथ पर चोट के निशान दिखा था, जिसे मेकअप से छुपाने की कोशिश की गई थी। इससे पहले फरवरी में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जुलाई में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ मुलाकात के दौरान ट्रम्प के हाथ पर चोट और मेकअप के निशान देखे गए थे। जुलाई में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा था, 'राष्ट्रपति ट्रम्प जनता के बीच सबसे ज्यादा समय बिताते हैं और रोजाना सैकड़ों लोगों से हाथ मिलाते हैं। इसके कारण ये निशान बने हैं।' ट्रम्प के डॉक्टर सीन बारबाबेला ने बताया कि चोट के निशान बार-बार हाथ मिलाने और एस्पिरिन (पेनकिलर) के उपयोग से हुए हैं, जो हृदय रोग की रोकथाम के लिए लिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य और हल्की समस्या है, जिसमें कोई गंभीर बीमारी नहीं पाई गई। फीफा क्लब वर्ल्ड कप के दौरान ट्रम्प के पैरों में सूजन थी 13 जुलाई 2025 को न्यू जर्सी के मेटलाइफ स्टेडियम में फीफा क्लब वर्ल्ड कप के फाइनल के दौरान ट्रम्प के पैरों में सूजन देखी गई थी। फिर, 16 जुलाई को बहरीन के प्रधानमंत्री सलमान बिन हमद अल खलीफा से मुलाकात के दौरान ट्रम्प के हाथों में चोट के निशान वाली तस्वीरें सामने आई थीं। इसके बाद सोशल मीडिया पर बहस होने लगीं कि ट्रम्प अपनी सेहत समस्या छिपा रहे हैं। व्हाइट हाउस ने बताया कि ट्रम्प ने अपने पैरों के निचले हिस्से में हल्की सूजन देखी थी। इसके बाद उन्होंने जांच करवाई और सबको रिपोर्ट की जानकारी बताने का निर्देश दिया। नसों की बीमारी से जूझ रहे ट्रम्प जुलाई में व्हाइट हाउस ने बताया था कि ट्रम्प की नसों की बीमारी क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी AB9 से ग्रसित हैं। इस वजह से उनके पैरों में सूजन रहती है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 70 साल से ज्यादा उम्र को लोगों में यह बीमारी कॉमन है। लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति की हथेलियों पर चोट के निशान हैं, जो मामूली सॉफ्ट टिशू इरिटेशन है। यह एस्पिरिन के सेवन के साइन इफेक्ट और बार-बार लोगों से हाथ मिलाने के कारण होता है। क्या है क्रोनिक वेनस इनसफिशिएंसी, जिससे ट्रम्प ग्रसित क्रोनिक वेनस इनसफिशिएंसी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें नसों को पैरों से खून को हार्ट तक वापस ले जाने में दिक्कत होती है। यह समस्या तब होती है जब नसों में वाल्व ठीक से काम नहीं करते हैं, जिससे खून पैरों में जमा हो जाता है और सूजन, दर्द और स्किन में बदलाव हो सकता है। आमतौर पर यह समस्या 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को होती है। दुनिया में 10 से 35% एडल्ट्स को यह समस्या है। भारत में भी हर तीन में से एक वयस्क को क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी है, जबकि 4-5% लोगों में इसके लक्षण गंभीर रूप से दिखते हैं। इनमें यह कंडीशन अल्सर का रूप ले चुकी है।
    Click here to Read more
    Prev Article
    सोनीपत में खुली वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स एकेडमी:मनोहर लाल-नवीन जिंदल ने किया उद्घाटन, रनिंग ट्रैक से लेकर शूटिंग रेंज तक सब कुछ मौजूद
    Next Article
    वर्ल्ड अपडेट्स:पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में क्रिकेट मैच के दौरान ब्लास्ट; 1 की मौत, कई घायल

    Related दुनिया Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment