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    राजनीतिक दलों में बढ़ते भ्रष्टाचार पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन:केंद्र को नोटिस भेज 4 महीनों में जबाव मांगा; भाजपा नेता ने दायर की थी याचिका

    19 hours ago

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों में बढ़ते भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने राजनीतिक दलों के कामकाज पर कड़े नियम बनाने को लेकर जवाब मांगा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉय माल्या बागची की बेंच ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को जवाब देने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया है। भाजपा नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर पार्टियों में बढ़ते भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता, अपराधीकरण और मनी लॉन्ड्रिंग पर कोर्ट से एक्शन लेने और नियम बनाने की मांग की थी। याचिका में दावा किया गया था, हाल ही में एक ऐसा राजनीतिक दल पकड़ा गया जो 20% कमीशन लेकर काला धन सफेद करता है। पार्टियां अपराधियों और तस्करों से पैसे लेकर उन्हें अलग- अलग पदों पर नियुक्त करती हैं। कई अलगाववादी भी पार्टी बनाकर चंदा ले रहे हैं। दरअसल, 19 जुलाई को एडीआर की एक रिपोर्ट आई थी। देश में नाममात्र के वोट पाने वाली रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों (RUPP) की आय 2022-23 में 223% बढ़ गई है। गुजरात की गैर-मान्यता प्राप्त 5 पार्टियों को ₹2316 करोड़ मिले ADR की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2764 गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियां हैं। इनमें से 73% से ज्यादा (2025) ने अपना फाइनेंशियल रिकॉर्ड सार्वजनिक ही नहीं किया है। बाकी 739 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों ने अपना रिकॉर्ड साझा किया है। रिपोर्ट में इन्हीं पार्टियों का एनालिसिस किया गया है। पूरी खबर पढ़ें... देश के आधे सांसदों-विधायकों पर क्रिमिनल केस 27 अगस्त को एडीआर की एक रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 45% विधायक और 46% सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 29% गंभीर मामलों का सामना कर रहे हैं। देश के 47% मंत्रियों पर क्रिमिनल केस देशभर के 302 मंत्री (करीब 47%) खुद पर आपराधिक केस होने की बात स्वीकार कर चुके हैं। इनमें 174 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं। वहीं, केंद्र सरकार के 72 मंत्रियों में से 29 (40%) ने आपराधिक केस होने की बात मानी है। यह जानकारी चुनाव सुधार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) की रिपोर्ट में सामने आई है। ADR ने 27 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के कुल 643 मंत्रियों के शपथ पत्रों (एफिडेविट) का विश्लेषण किया। ADR ने यह भी कहा कि जिन शपथ पत्रों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, वे 2020 से 2025 के बीच चुनावों के दौरान दाखिल हुए थे। इन मामलों की स्थिति बदल भी सकती है। पूरी खबर पढ़े... देश की 143 महिला सांसदों-विधायकों पर आपराधिक मामले ADR ने कुछ समय पहले महिला सांसद और विधायकों को लेकर रिपोर्ट जारी की थी है। इसमें सामने आया था कि देश की कुल 512 महिला सांसदों और विधायकों में से 28% यानी 143 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। इनमें से 78 (15%) पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर आरोप हैं। वहीं, 17 महिला नेताओं ने अपने चुनावी हलफनामों में अरबपति (100 करोड़ या उससे अधिक संपत्ति) होने का दावा किया है। पूरी खबर पढ़ें... .............................. ये खबर भी पढ़ें... आधे सांसदों-विधायकों पर क्रिमिनल केस: महिलाओं अपराध वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल सबसे आगे केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है। इस विधेयक में प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार होकर 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें पद से हटाया जा सकेगा। वर्तमान में स्थिति यह है कि देशभर में 45% विधायक और 46% सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पूरी खबर पढ़ें...
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