SEARCH

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    लुधियाना में 60 घंटे से बाढ़ रोकने की जंग:प्रशासन का ग्राउंड सपोर्ट, सेना की परफेक्ट प्लानिंग, लोकल लोगों का जोश हाई; खतरा बरकरार

    5 days ago

    पूरा पंजाब बाढ़ की चपेट में है। अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। 2 हजार गांव पानी में डूब चुके हैं। अमृतसर से लेकर गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला जैसे जिलों में तमाम प्रशासनिक अमला मिलकर भी बाढ़ को रोक नहीं पाया। इसके बीच लुधियाना में पिछले 60 घंटे से बाढ़ को रोकने की जबरदस्त जद्दोजहद चल रही है। एक तरफ सतलुज दरिया है, जिसका पानी लगातार आबादी की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन, सेना, NDRF और आम लोग हैं, जो उसे रोकने के लिए दिन-रात जी-जान से जुटे हैं। अभी तक प्रशासन के ग्राउंड सपोर्ट और सेना की परफेक्ट प्लानिंग से सतलुज दरिया को आबादी में घुसने से रोका गया है। जब सतलुज दरिया में पानी बढ़ा और बांध व नदी के बीच की मिट्‌टी खिसकने लगी तो प्रशासन ने बिना समय गंवाए आर्मी और NDRF को बुला लिया। शुक्रवार को सतलुज धीरे-धीरे मेन बांध के हिस्से को काटती चली गई। तब तक आर्मी को समझ आ गया कि पानी रुकने वाला नहीं है। बांध टूटा तो पानी तेज बहाव से पहले खेतों और फिर 14 गांवों में घुस जाएगा। इसे देखते हुए मेन बांध से 700 मीटर दूर अस्थायी रिंग (तार) बांध बना दिया गया। आसपास के गांवों के लोग भी दिन-रात सेना और प्रशासन की मदद में जुटे हुए हैं। शुक्रवार देर रात मेन बांध टूट गया। इससे कुछ खेत-फसलें तो डूब गईं लेकिन रिंग बांध से पानी आबादी में घुसने से रोक लिया गया। मगर, सतलुज नदी ने अब रिंग बांध में भी कटाव शुरू कर दिया। इसे देख पानी के तेज बहाव को थामने की कोशिश करते हुए यहां तीसरा बांध बनाया जा रहा है। इलाके के लोगों और सेना के साथ लुधियाना के DC हिमांशु जैन खुद भी मिट्‌टी से भरी बोरियां बांध तक पहुंचाने में मदद करते दिख रहे हैं। अगर सतलुज से बाढ़ आई तो न केवल 14 गांव बल्कि इसका पानी राहों रोड से लेकर धनांसू और समराला चौक तक मार कर सकता है। 4 सितंबर की सुबह 4 बजे से बाढ़ रोकने की यह जद्दोजहद शुक्रवार अभी तक जारी है…. हालांकि खतरा अभी भी टला नहीं है। लुधियाना में बाढ़ से बने हालात की तस्वीरें.. 1. सतलुज दरिया का पानी 4 अगस्त से ससराली क्षेत्र में बढ़ना शुरू हुआ। इसके बाद से तेज बहाव के कारण लगातार कटान हो रहा रहा है। किसानों के खेतों का काफी हिस्सा भी पानी में समा गया। फसलें भी पानी में बह गईं।​​​​​ 2. ससराली क्षेत्र में शुरू हुआ मिट्‌टी कटान का सिलसिला जारी है। दरिया किनारे के खेतों में बनाए गए नलकूप भी पानी में समा गए। यहां लगे बिजली के खंभे भी पानी में बह गए। किसानों ने नलकूपों में लगी मोटरों को निकालने की कोशिश भी की, लेकिन सफल नहीं हुए। 3. सतलुज दरिया के पानी के रौद्र रूप को देखकर प्रशासन ने तटबंध के किनारे बसे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। इसके चलते कुछ लोग अपने पशुओं और अन्य सामान को लेकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। 4. किसानों के खेतों का काफी हिस्सा सतलुज दरिया में समा गया। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि फसलों को बचाने के लिए लोगों ने काफी प्रयास किए, तटबंध तक को मजबूत किया, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज है कि सफलता नहीं मिली। 5. शुक्रवार की रात प्रशासन को सूचना मिली कि कटान की रफ्तार काफी तेज है। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ और आर्मी की टीमें मौके पर पहुंच गईं और रात में ही नया बांध बनाना शुरू कर दिया। पूरी रात यह कार्य चला। 6. शनिवार को हालात पर काबू पाने के लिए 1 हजार से ज्यादा लोग मौके पर जुटे रहे। डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन भी मिट्‌टी से भरी बोरियां उठाते दिखे। वे लोगों के साथ एक लाइन में लगकर मिट्‌टी की बोरियों को तटबंध बना रहे लोगों तक पहुंचाते दिखे। 7. प्रशासन के साथ-साथ लोग भी ससराली के पास बने बांध को मजबूत करने में लगे हुए हैं। इनमें कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोग भी शामिल हैं। लोगों को डर है कि यदि हालात पर काबू नहीं पाया गया तो 14 गांवों को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा। 8. तीन बार तटबंध मजबूत बनाने की कोशिश हुई, लेकिन दो बार सफलता नहीं मिली। क्योंकि जो भी तटबंध बनाया जाता, वह पानी में बह जाता। शनिवार को तीसरी बार लोगों ने प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमों के साथ मिलकर नया तटबंध बनाना शुरू किया। 9. लुधियाना में शनिवार को सुबह तेज बारिश हुई। इससे सतलुज के तटबंध को मजबूत करने में जुटे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक तो सतलुज का पानी तेज प्रवाह के साथ बह रहा था और ऊपर से बारिश से खेतों में पानी भर गया, जिससे कीचड़ हो गया। 10. रात के अंधेरे में भी लोग तटबंध को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। इनमें स्थानीय लोगों के साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहकर पूरा सहयोग कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें भी पूरी मदद कर रही हैं। ------------------------------------------- बाढ़ की चपेट में पंजाब के 2000 गांव:सतलुज के कारण लुधियाना में बढ़ा खतरा; दिल्ली CM ने किया 5 करोड़ देने का ऐलान पंजाब में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। वित्त मंत्री हरपाल चीमा के मुताबिक प्रदेश के 2000 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और 43 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार से मांगी गई मदद भी अभी तक राज्य को नहीं मिली है। हालांकि दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने आज पंजाब को 5 करोड़ देने का ऐलान किया है। (पूरी खबर पढ़ें)
    Click here to Read more
    Prev Article
    हिमाचल आ सकते हैं PM मोदी:9 सितंबर को दौरा संभावित; कुल्लू-चंबा में कर सकते हैं नुकसान का हवाई सर्वेक्षण, आधिकारिक प्रोग्राम आना बाकी
    Next Article
    पंजाब में गुरुग्राम ईडी की छापेमारी:30 करोड़ की 44 प्रॉपर्टी अटैच, अवैध खनन से जुड़ा मामला, मक्कड़ परिवार पर मनी-लॉन्ड्रिंग का आरोप

    Related भारत Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment