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    कश्मीर के पुंछ में घुसपैठ की कोशिश नाकाम:PoK से आए आतंकियों ने भागने की कोशिश की, सेना ने इलाके की घेराबंदी की

    1 week ago

    कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास सोमवार को भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। सेना की व्हाइट नाइट कोर ने X पर बताया कि सुबह करीब 5:30 बजे बालाकोट के जनरल एरिया में LoC के पास संदिग्ध गतिविधि देखी गई थी। जवानों ने घुसपैठ की कोशिश को रोकने के लिए तुरंत फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद आतंकियों ने भी ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। आतंकियों की तलाश की जा रही है। सेना ने बताया कि आतंकी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से देश में घुसने की कोशिश कर रहे थे। घुसपैठ की यह कोशिश ऐसे दिन में हुई जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिछले महीने हुई भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद की स्थिति का आकलन करने के लिए आज ही जम्मू के दौरे पर थे। पुंछ में एक दिन पहले हथियारों के साथ दो आतंकी गिरफ्तार हुए थे इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को पुंछ जिले के आजमाबाद से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से हथियार भी मिले थे। आतंकियों की पहचान आजमाबाद के तारिक शेख और चैंबर गांव के रियाज अहमद के रूप में की गई। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने आजमाबाद स्थित शेख के घर पर छापा मारा और उसे उसके सहयोगी अहमद के साथ गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ के बाद, पुलिस टीम ने जलियां गांव में शेख के किराए के मकान से दो असॉल्ट राइफलें और कुछ गोला-बारूद बरामद किए। 28 अगस्त: दो आतंकी ढेर, इनमें एक 100+ घुसपैठ में मददगार था जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास 28 अगस्त को सुरक्षाबलों ने 'ह्यूमन GPS' के नाम से कुख्यात आतंकी बागू खान सहित दो आतंकी को घुसपैठ के दौरान मार गिराया था। बागू खान 'समंदर चाचा' के नाम से भी बदनाम था। सूत्रों के अनुसार, बागू खान 1995 से पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में रह रहा था। वह 25 सालों से आतंकी गतिविधियों में एक्टिव था और घुसपैठ के सबसे पुराने मददगारों में से एक था। वह 100 से ज्यादा घुसपैठ की घटनाओं में शामिल था। बागू खान जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के सभी रास्तों से वाकिफ था और पकड़े जाने से बचने के तरीके भी पता थे। इसलिए उसे 'ह्यूमन GPS' नाम दिया गया। वह सुरक्षा एंजेसियों की लिस्ट में हिजबुल मुजाहिदीन का मोस्ट वांटेड आतंकी था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब तक 23 आतंकी मारे गए जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, 7 अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 23 आतंकवादी मारे गए हैं। इनमें, 22 में से 13 आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे, जबकि नौ स्थानीय थे। एक आतंकी की पहचान सामने नहीं आई है। जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल से 1 अगस्त तक 6 मुठभेड़ मुठभेड़ 1: जगह- कुलगाम, तारीख- 1 से 12 अगस्त श्रीनगर से लगभग 70 किलोमीटर दूर कुलगाम में ऑपरेशन अखल नामक एक ऑपरेशन चलाया गया। इसमें लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के तीन आतंकवादी मारे गए। इनकी पहचान कुलगाम के जाकिर अहमद गनी, सोपोर निवासी आदिल रहमान डेंटू और पुलवामा निवासी हरीश डार के रूप में हुई। मुठभेड़ 2: जगह- पुंछ, तारीख- 30 जुलाई ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत, पुंछ सेक्टर में दो लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी मारे गए थे। दोनों पाकिस्तानी थे। उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए थे। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि वे घुसपैठिए थे जो हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से सीमा पार करके आए थे। मुठभेड़ 3: जगह- हरवान, तारीख- 28 जुलाई ऑपरेशन महादेव के तहत, श्रीनगर के हरवान स्थित मुलनार गांव में तीन पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी मारे गए थे। इनकी पहचान सुलेमान, अफगान और जिबरान के रूप में हुई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बताया था कि तीनों आतंकियों ने पहलगाम हमले को अंजाम दिया था। मुठभेड़ 4: जगह- पुलवामा, तारीख- 15 मई पुलवामा शहर से लगभग 26 किमी दूर त्राल जंगल में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए थे। ये सभी त्राल के रहने वाले थे। इनकी पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट्ट के रूप में हुई थी। मुठभेड़ 5: जगह- शोपियां, तारीख- 13 मई सेना ने शोपियां जिले के केल्लर जंगलों में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों का मारा था। इनकी पहचान शाहिद कुट्टे, अदनान शफी डार और आमिर बशीर के रूप में की गई। तीनों आतंकी शोपियां के रहने वाले थे। मुठभेड़ 6: जगह- सांबा सेक्टर, तारीख- 8 और 9 मई सांबा जिले में बीएसएफ के जवानों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सात आतंकवादियों को मार गिराया था। सभी पाकिस्तानी नागरिक थे। यह मुठभेड़ हाल के महीनों में JeM के खिलाफ सबसे घातक मुठभेड़ों में से एक थी। अधिकारियों ने आतंकवादियों की पहचान का खुलासा नहीं किया था। ऑपरेशन सिंदूर में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को रात डेढ़ बजे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वॉर्टर और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का ठिकाना भी शामिल था। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। ये खबरें भी पढ़ें... मोदी बोले- दुनिया के किसी नेता ने जंग नहीं रुकवाई: पाकिस्तान के DGMO ने गुहार लगाई- बस करो, अब झेलने की ताकत नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में ट्रम्प का नाम लिए बिना कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया में किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है।' उन्होंने बताया, 'दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन रोकने को नहीं कहा था।' पूरी खबर पढ़ें... CDS से सवाल- पाकिस्तान ने कितने भारतीय फाइटर जेट गिराए: जनरल चौहान बोले- महत्वपूर्ण यह नहीं- विमान गिरे, जरूरी यह- क्यों गिरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारतीय फाइटर जेट गिरने के दावों पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे? CDS ने यह बात ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कही। वे यहां शांगरी-ला डायलॉग कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। पूरी खबर पढ़ें...
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