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    हरियाणा के शहीद लांसनायक अंतिम सफर पर:कैथल में रोड के दोनों तरफ तिरंगा लेकर खड़ी भीड़; मां गुमशुम, पिता बोले- शादी तय करनी थी

    3 days ago

    जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए कैथल के नरेंद्र सिंधु (28) का पार्थिव शरीर पैतृक गांव रोहेड़ा गांव पहुंच गया है। घर पर अंतिम दर्शन के बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू हो गई है। थोड़ी देर में उनका राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। नरेंद्र की शहादत के बाद उनकी मां रोशनी देवी, गुमसुम बैठी हैं। नम आंखों से उन्होंने कहा, "बचपन में बेटा कहता था कि बड़ा होकर सेना में जाऊंगा, और उसने अपना सपना पूरा कर लिया।" वहीं, बहन पूनम ने बताया कि रक्षाबंधन पर उन्होंने नरेंद्र से सोने की चेन मांगी थी, लेकिन अब यह ख्वाहिश अधूरी रह गई। हालांकि, यह चर्चा है कि नरेंद्र की सगाई हो गई थी, लेकिन उनके पिता दलबीर सिंह ने इस बात को नकारते हुए कहा कि अक्टूबर में नरेंद्र के छुट्टी पर आने के बाद शादी की बात शुरू होनी थी। सोमवार को हुई इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकवादी भी मारे गए थे। इनमें से एक, आमिर अहमद डार, पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी 14 आतंकवादियों की सूची में शामिल था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर शहीद नरेंद्र सिंधु को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने लिखा कि दुख की इस कठिन घड़ी में हम सब शहीद के परिवार के साथ हैं, और मातृभूमि की सेवा में दिया गया उनका यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। शहीद की अंतिम विदाई से जुड़े PHOTOS... शहीद नरेंद्र सिंधु से जुड़ी 4 बातें... हाल ही में नरेंद्र के 2 मामा का हुआ निधन नरेंद्र के बलिदान की खबर मिलने के बाद से ही उनकी मां रोशनी देवी बार-बार बेहोश हो जा रही हैं। परिवार की महिलाएं उन्हें संभालने में जुटी हैं। रोशनी देवी ने कुछ दिनों पहले ही अपने दो भाइयों को खोया था, और वह उस सदमे से अभी उबर भी नहीं पाई थीं कि अब उनके बेटे के बलिदान की खबर आ गई। वह बार-बार अपने बेटे को पुकारती हैं और बेहोश हो जाती हैं। मंगलवार को सदमे की वजह से उनकी हालत और बिगड़ गई, जिसके बाद डॉक्टर को बुलाना पड़ा। पिता से वीडियो कॉल पर बात हुई, पूछा- फसल कैसी हुई पिता दलबीर सिंह ने कहा कि बेटे का जाना एक पिता के लिए सबसे बड़ा दुख है, लेकिन हमें इस बात का गर्व है कि वह देश के लिए शहीद हुआ। नरेंद्र की शादी करने की हमारी इच्छा थी, लेकिन अब हमारे सारे अरमान अधूरे रह गए। उन्होंने बताया कि रविवार को नरेंद्र से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। उसने फसल के बारे में पूछा था और दो भैंस खरीदने की बात भी कर रहा था। उसने अपनी दोनों बहनों के बारे में भी जानकारी ली। अपनी मां से उसने कहा था कि छुट्टी आने पर, अक्टूबर में घर के ग्रिल और पेंट का जो काम बचा है, उसे वह पूरा करवाएगा। नरेंद्र के दादा सूबे सिंह भी सेना में थे। नरेंद्र अपने चाचा के साथ ही सेना में भर्ती हुए थे। अंतिम संस्कार से जुड़े वीडियो देखने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...
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