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    बिहार चुनाव को लेकर मनोज बाजपेयी की अपील:जाति-धर्म की राजनीति से बचें, भविष्य नोट से नहीं, वोट से गढ़े

    1 week ago

    बिहार में कुछ ही दिनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। लोकतंत्र के इस महापर्व में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह बूथ तक जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करे। एक्टर मनोज बाजपेयी ने दैनिक भास्कर के जरिए बिहार चुनाव को लेकर जनता से खास अपील की है। ऐसे नेताओं को मत चुनिए जो जाति और धर्म की राजनीति से समाज को बांटते हैं। याद रखिए, भविष्य नोट से नहीं, वोट से बनता है। बिहार में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी लगातार बढ़ रही है। प्रदेश एक बार फिर लोकतंत्र के इस महापर्व की तैयारी में है। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह बूथ तक पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग करे। मतदान केवल एक अधिकार नहीं है, बल्कि ऐसी जिम्मेदारी है जिससे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होती हैं। हम अक्सर शिकायत करते हैं कि चुनाव तो हर बार होते हैं, हम वोट भी डालते हैं, लेकिन हालात नहीं बदलते। असली वजह यह है कि हम जाति, धर्म और प्रलोभन की राजनीति में फंसकर मतदान करते हैं। जब तक यह स्थिति बनी रहेगी, बदलाव संभव नहीं है। सही और सच्चे उम्मीदवार का चयन ही असली समाधान है। बिहार तभी बदलेगा जब जनता अपनी ताकत पहचानेगी। जातीय या पैसों के लालच से दूर रहकर ईमानदार और दूरदर्शी नेतृत्व के पक्ष में मतदान करेगी। आज बिहार की सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा और रोजगार है। रोजगार तभी आएगा जब राज्य की शिक्षा व्यवस्था सशक्त और आधुनिक बनेगी। कभी बिहार नालंदा और विक्रम शिला जैसे विश्वविद्यालयों के कारण पूरे देश और दुनिया में शिक्षा का केंद्र था। आज शिक्षा की बदहाली चिंता का विषय है। यह चुनाव अवसर है कि हम ऐसे नेतृत्व का चयन करें जो शिक्षा को प्राथमिकता दे। नई पीढ़ी के लिए ठोस योजना बनाए। इस चुनाव में महिलाओं की भूमिका सबसे अहम होगी। बिहार की महिलाएं हमेशा परिवर्तन की धुरी रही हैं। अगर वे बड़ी संख्या में मतदान करेंगी, तो राजनीति और समाज दोनों की दिशा बदलेगी। युवाओं पर भी बड़ी जिम्मेदारी है। 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हर युवा को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराकर मतदान करना चाहिए। यह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि भविष्य गढ़ने की सबसे बड़ी ताकत है। सही नेता वही है जो जनता की समस्याओं को समझे और उन्हें दूर करने का संकल्प ले। हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास को प्राथमिकता देने वालों को चुनना चाहिए, न कि उन लोगों को जो जाति और धर्म की राजनीति से समाज को बांटते हैं। याद रखिए, नोट से नहीं, वोट से भविष्य बनता है। मत का दान करें, मत को बेचें नहीं। इस चुनाव में एक-एक वोट बिहार की तकदीर और तस्वीर बदल सकता है। अगर हम सब मिलकर जागरूक होकर मतदान करेंगे, तो बिहार फिर से अपनी स्वर्णिम शिक्षा और समरस राजनीति की राह पर लौट सकता है।
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