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    भागवत बोले- दुनिया में संघर्ष की वजह स्वार्थ और अहंकार:इंदौर में कहा- भारत आस्था, कर्म, तर्क की भूमि; हम कभी बंटे थे, उसे फिर एक करेंगे

    1 day ago

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को इंदौर में कहा कि भारत सभी की भविष्यवाणियों को गलत साबित करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, क्योंकि यह ज्ञान, कर्म और भक्ति के पारंपरिक दर्शन में विश्वास से प्रेरित है। भागवत ने कहा कि हम एक बार बंटे थे, उसे फिर से एक करेंगे। बता दें कि संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत रविवार को इंदौर में नर्मदा खंड सेवा संस्थान के कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने मंत्री प्रहलाद पटेल की लिखी पुस्तक 'कृपा सार' का विमोचन किया। सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा समेत कई नेता भी मौजूद रहे। डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि मुझे बताया गया कि पुस्तक में नर्मदा परिक्रमा के अनुभव का वर्णन है। इसे मैंने मान्य कर लिया है क्योंकि नर्मदा परिक्रमा बहुत बड़ी श्रद्धा का विषय है। हमारा देश श्रद्धा का देश है। यहां कर्मवीर भी हैं और तर्कवीर भी हैं। भागवत ने कहा कि ये पुस्तक महत्वपूर्ण है। इसलिए मैं यहां आया। भागवत ने ये भी कहा कि मुझे संघ ने कुर्सी पर बैठाया है, इसलिए लोग मुझे बुलाते हैं। स्वार्थ और अहंकार दुनिया में संघर्ष और टकराव की जड़ भागवत ने कहा- तर्क और शास्त्रार्थ में हमारा देश कहीं भी पीछे नहीं है। जहां एक ओर दुनिया आस्था और विश्वास पर चलती है, वहीं दूसरी ओर भारत आस्था, कर्म और तर्क की भूमि है। आज दुनिया में संघर्ष इसलिए है, क्योंकि सभी के मन में अहम है, जिसमें केवल यह सोच है कि मैं ही आगे बढूं और दूसरा कोई आगे ना बढे, इसलिए सभी आपस में भिड़े हुए हैं। भागवत ने कहा कि निजी स्वार्थ और अहंकार दुनिया में संघर्ष और टकराव की जड़ हैं। भागवत बोले-हम कभी बंटे थे, उसे फिर से एक करेंगे पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि उन्होंने एक बार कहा था कि स्वतंत्रता के बाद आप जीवित नहीं रह पाएंगे और विभाजित हो जाएंगे। लेकिन ऐसान नहीं हुआ। भारत ने एकजुट रहकर उन्हें गलत साबित कर दिया। अब इंग्लैंड खुद बंटवारे की स्थिति में आ रहा है, लेकिन हम बंटेंगे नहीं। हम आगे बढ़ेंगे। हम कभी बंटे थे, लेकिन उसे फिर से एक करेंगे। पहले दर्जी ही गर्दन और जेबें काटते थे, अब पूरी दुनिया यही कर रही भागवत ने कहा कि भारत गायों, नदियों और पेड़ों के प्रति श्रद्धा के जरिए प्रकृति की पूजा करता है। प्रकृति के साथ यह संबंध जीवंत और सचेत अनुभव पर आधारित है। आज की दुनिया प्रकृति के साथ ऐसे ही रिश्ते के लिए तरस रही है। पिछले 300-350 सालों से देशों को यही समझाया जाता रहा है कि सब अलग-अलग हैं और सिर्फ ताकतवर ही बचेगा। उन्हें समझाया जाता रहा है कि ताकतवर बनने के लिए किसी का पेट रौंदो या किसी का गला काटो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। भागवत ने कहा- पहले सिर्फ दर्जी ही गर्दन और जेबें काटते थे। अब तो पूरी दुनिया यही कर रही है। उन्हें पता है कि इससे परेशानी हो रही है, लेकिन वे इसे रोक नहीं पाते, क्योंकि उनमें श्रद्धा और भक्ति का अभाव है। मैं नर्मदा को बेचना नहीं चाहता पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने नर्मदा परिक्रमा के अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि मैंने पहले पुस्तक को छापने से मना कर दिया था, क्योंकि मेरा मकसद नर्मदा को 'बेचना' नहीं था। पिछले 30 वर्षों में मुझे दो मौके मिले। 2005 में जब मैंने फिर से यात्रा की और उसके बाद मैं केंद्र में संस्कृति मंत्री बना, तब मेरे मित्रों ने कहा कि इसे अब छपने दो। मेरे पास 72 घंटे की नर्मदा यात्रा और किनारे की वीडियो मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि डिस्कवरी चैनल के लोगों ने भी मुझसे इसके बारे में पूछा, तब भी मैंने कहा कि मैं नर्मदा को बेचना नहीं चाहता। नर्मदा हमारी माता है, नदियां हमारी विरासत है, ये हमारा जीवन है, हम संकल्प लेकर जाए। इस पुस्तक का विमोचन सिर्फ विमोचन नहीं है, इसकी एक-एक पाई गौसेवा में लगेगी और परिक्रमा वासी के लिए लगेगी। राजनीति में भी परिक्रमा करनी पड़ती स्वामी ईश्वरनंद ने नर्मदा परिक्रमा को लेकर कहा कि परिक्रमा में जल, वायु, अग्नि, आकाश और यहां तक कि शरीर का खून भी शामिल होकर एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है। परिक्रमा केवल यात्रा नहीं, बल्कि जीवन और प्रकृति के साथ आत्मिक जुड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि राजनीति में ऊपर उठने के लिए भी परिक्रमा करनी पड़ती है। कार्यक्रम में ये भी रहे मौजूद डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, मंत्री विश्वास सारंग, राकेश शुक्ला, चैतन्य काश्यप, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, मेयर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि और शहीद परिवार पहले ही मौजूद हैं। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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