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    यूपी में कैमरे पर लाशों का सौदा:पोस्टमॉर्टम कर्मचारी-पुलिस की डील, बोले- एक लाश डेढ़ लाख में

    3 days ago

    'महीने में 30 से 40 लाशें निकल जाती हैं। आप बहुत कम दे रहे हैं। अभी पुराना रिकॉर्ड देखा जाए… उस समय डेढ़ लाख का रेट चल रहा था। राममूर्ति वाले डेढ़ लाख रुपए देकर जाते थे।' यह दावा है बरेली के पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी सुनील का। यूपी के बरेली में लाशों का सौदा हो रहा है। दैनिक भास्कर के हिडन कैमरे पर सुनील कह रहा है- जो पैसे आप हमें दोगे, हम तो नमक के बराबर रखते हैं। बाकी पैसे ऊपर अधिकारी को देने पड़ते हैं। लाशों के इस सौदे में पुलिस भी शामिल है। बरेली में तैनात सिपाही नरेंद्र बोला- कमाना सभी को है। हमें ऊपर SHO साहब से बात करनी पड़ेगी। हम बात कर लेंगे। सुनील का दावा है कि उसने कई लाशों का सौदा किया है। वह यूपी के कई शहरों से लाश दिला सकता है। लाशों के इस कारोबार के तार कहां तक फैले हैं? यूपी में ये रैकेट कैसे चलता है? लाश बेचने वाले ये लोग कौन हैं? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने 15 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़िए, पूरा खुलासा... हमें दलालों से पता चला कि यूपी के कुछ प्राइवेट मेडिकल कॉलेज MBBS की मान्यता बनाए रखने के लिए लावारिश लाशों को खरीद रहे हैं। जबकि, किसी भी व्यक्ति या उसके रिश्तेदार की सहमति के बगैर उनकी देह मेडिकल कॉलेज को नहीं दी जा सकती। अगर ऐसा किया जाता है तो यह गैरकानूनी है। हमने यहां से इन्वेस्टिगेशन शुरू किया कि मेडिकल कॉलेजों को लाशें बेच कौन रहा? इसमें सबसे पहले जो नाम आया, वह था, जिला अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस का। दरअसल, पुलिस को हर सप्ताह कुछ ऐसे शव मिलते हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाती। इन्हें पुलिस जिला अस्पताल के शवगृह में रखवा देती है। नियमानुसार, 72 घंटे बाद इनका अंतिम संस्कार कर देना चाहिए। लेकिन, यहां से पुलिस अपना खेल शुरू कर देती है। पुलिस और पोस्टमॉर्टम के कर्मचारी कागजों पर अंतिम संस्कार दिखाकर इस पर मिलने वाला खर्च खा जाते हैं। इसके बाद लाशों को 40 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक में बेच देते हैं। हमें 2 शहर- लखनऊ और बरेली का पता चला, जहां लाशों को बेचा जा रहा है। हमने इन्वेस्टिगेशन के लिए बरेली का जिला अस्पताल चुना। हम दलाल बनकर यहां पहुंचे। बताया, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से कॉन्ट्रैक्ट है। उन्हें डेडबॉडी पहुंचाना है। हमारी बातों में लाशों के ये कारोबारी फंसते चले गए और हमने हिडन कैमरे में इनकी सौदेबाजी कैद कर ली। बरेली के जिला अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर हमारी मुलाकात सुनील से हुई। सुनील जिला अस्पताल में संविदा पर तैनात है। वह लाशों का पोस्टमॉर्टम करता है। हमने उससे लाश की डिमांड की। सुनील ने हमें शाम को पोस्टमॉर्टम हाउस से करीब 300 मीटर दूर चौपले चौराहे पर बुलाया। वहां हमने उससे कहा कि अंदर गाडी में बैठकर बात हो जाएगी, ड्राइवर बाहर चला जाएगा। उसने कहा- आप बाहर आ जाइए। पढ़िए, पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मचारी सुनील और रिपोर्टर के बीच बातचीत के मुख्य अंश… सीतापुर, हरदोई, पीलीभीत सहित कई जिलों में चल रहा खेल बरेली के जिला अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस का कर्मचारी सुनील सीतापुर, हरदोई, पीलीभीत सहित कई जिलों से लाश दिलाने के लिए तैयार हो गया। इससे साबित होता है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ये खेल चल रहा है। पढ़िए, बातचीत के मुख्य अंश… आज की इस बातचीत के बाद हम वहीं एक होटल में रुक गए। पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी सुनील ने पुलिसवालों से बात करके बताने के कहा था। हम उसके फोन का इंतजार कर रहे थे। 2 दिन बाद सुनील का फोन आया। उसने बताया कि पुलिसकर्मी को बुला लिया है। आज शाम 6 बजे आप पोस्टमॉर्टम हाउस से 300 मीटर दूर उसी जगह पर आ जाओ, जहां पहले मिले थे। हम वहां पहुंचे तो सुनील ने हमें नरेंद्र कुमार सिंह से मिलवाया। नरेंद्र बरेली के नगर कोतवाली थाने में सिपाही है। पढ़िए, पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मचारी सुनील, सिपाही नरेंद्र से रिपोर्टर की बातचीत के मुख्य अंश… पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मचारी ने लिया पहले तैनात कोतवाल का नाम पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मचारी सुनील ने हमें बताया कि जो काम करता हूं, पक्का करता हूं। पहले वाले कोतवाल ने पूरी छूट दे रखी थी। सब काम आराम से होता था। पढ़िए, सुनील और रिपोर्टर की बातचीत के मुख्य अंश… सुनील ने हिडन कैमरे पर बताया कि एक बॉडी के डेढ़ लाख रुपए उसने लिए हैं। साथ ही उसने बरेली के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज… राम मूर्ति कॉलेज का नाम भी लिया। हालांकि इस संबंध में कॉलेज प्रशासन ने बताया कि हमारे यहां सब लीगल काम होता है। जो भी लाशें आती है, वो संस्थाओं से ली जाती है और रिकॉर्ड रहता है। पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मचारी सुनील और रिपोर्टर के बीच की बातचीत के प्रमुख अंश… हमारा मकसद यूपी में लाशों के अवैध कारोबार को उजागर करना था, जो इनकी बातों से साबित हो गया। इसलिए पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मचारी सुनील और पुलिसकर्मी नरेंद्र से हुई डील को हमने आगे नहीं बढ़ाया। सीनियर एडवोकेट बोले- संविधान अंतिम संस्कार का अधिकार देता है वरिष्ठ वकील अरविंद वर्मा ने बताया- संविधान हर व्यक्ति को सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का अधिकार देता है। हाथरस कांड के बाद यूपी सरकार ने SOP बनाई है। इसके तहत पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि लावारिस शव का अंतिम संस्कार उसके धर्म के अनुसार सम्मान के साथ करें। इसके लिए 3400 रुपए दिए जाते हैं। मानव अधिकार आयोग ने भी ये अधिकार दे रखा है कि मृत व्यक्ति को भी जीवित व्यक्ति के समान ही सम्मान दिया जाए। आखिर में जानिए जिम्मेदार क्या बोले... बरेली CMO बोले- मामला संज्ञान में आएगा, तब बताएंगे बरेली नगर कोतवाली के पूर्व प्रभारी बोले- किसी और से बात कर लो हमारे स्टिंग में बरेली नगर कोतवाली के पूर्व प्रभारी गीतेश कपिल के कार्यकाल में ऐसा कई बार होने की जानकारी सामने आई। जब हमने उनसे बात की, तो उन्होंने बयान देने से मना कर दिया। कहने लगे कि और बहुत अधिकारी हैं। उनसे बात कर लो। एसएसपी बोले- तथ्य सामने आएंगे तो कार्रवाई करेंगे --------------------- ये खबर भी पढ़ें... 'अखिलेश राज में हर महीने कर्फ्यू लगता था', बरेली में मौलाना शहाबुद्दीन बोले- योगी राज में दंगे नहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए तो मुस्लिम जमात के नेता ने पूर्व सीएम को आड़े हाथों लेते हुए योगी सरकार की तारीफ की है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि अखिलेश के राज में अराजकता हावी रहती थी, जबकि मौजूदा सरकार में कानून व्यवस्था कड़ी है। पढ़ें पूरी खबर...
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