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    वर्ल्ड अपडेट्स:स्वीडन में 113 साल पुराने चर्च को पहिए लगाकर 5 किमी दूर शिफ्ट किया जा रहा

    3 weeks ago

    स्वीडन के किरुना शहर में 113 साल पुराने किरुना चर्च को पहियों पर रखकर 3 मील (5 किमी) दूर शिफ्ट किया जा रहा है। किरुना के नीचे दुनिया की सबसे बड़ी लौह खदान है, जो शहर को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, इस ऐतिहासिक चर्च को बचाने के लिए इसे नई जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। इस चर्च का निर्माण 1912 में पूरा हुआ था। इसे माइनिंग कंपनी LKAB ने बनवाया था। यह चर्च लकड़ी से बना है। 2001 में लोगों ने इसे 1950 से पहले की सबसे शानदार इमारत चुना था। यह एक पहाड़ी पर बना है, जहां से शहर का खूबसूरत नजारा दिखता है। 600 टन वजनी चर्च को शिफ्ट करने के लिए एक खास ट्रेलर का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह ट्रेलर 1.5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेत हुए दो दिन में अपना सफर पूरा करेगा। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... मस्क 45 दिन में ही अपनी राजनीतिक पार्टी खत्म करेंगे, उपराष्ट्रपति वेंस से रिश्ते नहीं बिगाड़ता चाहते अरबपति बिजनेसमैन इलॉन मस्क अपनी 'अमेरिका पार्टी' खत्म कर सकते हैं। उन्होंने 45 दिन पहले यानी 5 जुलाई को ही अपनी पार्टी लॉन्च की थी। वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क ने अपने सहयोगियों से पार्टी को खत्म करने के लिए कहा है। दरअसल मस्क राजनीति की जगह अपनी कंपनियों पर ध्यान देना चाहते हैं। इसके अलावा वे अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ अपने संबंधों को खराब नहीं करना चाहते हैं। मस्क का यह भी कहना है कि अगर उपराष्ट्रपति वेंस 2028 में राष्ट्रपति चुनाव में लड़ते हैं तो वे उनकी आर्थिक मदद भी करेंगे। इलॉन मस्क ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प को चुनाव जिताने के लिए 300 मिलियन डॉलर (2500 करोड़ रुपए) खर्च किए थे। इसके बाद ट्रम्प ने मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का हेड बनाया था। लेकिन बाद में राष्ट्रपति ट्रम्प के बिग ब्यूटीफुल बिल की वजह से दोनों में झगड़ा हो गया था। इसके बाद मस्क ने DOGE में अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले ही इस्तीफा दे दिया था और कुछ दिन बाद अपनी अलग पार्टी बना ली थी। ट्रम्प बोले- रूस-यूक्रेन समझौते से मेरे स्वर्ग जाने के चांस बढ़ जाएंगे, अभी इसकी संभावना कम है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन शांति समझौते से उनके स्वर्ग जाने की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने फॉक्स न्यूज पर मजाक में कहा कि फिलहाल उनके स्वर्ग जाने की संभावना कम है। ट्रम्प ने में कहा- मैं कोशिश करना चाहता हूं और अगर मुमकिन हो तो स्वर्ग जाना चाहता हूं। मुझे लगता है कि मेरी स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन अगर मैं रूस-यूक्रेन समझौता कर पाया, तो यह स्वर्ग पहुंचने का एक कारण हो सकता है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा के लिए एयर मिलिट्री सपोर्ट दे सकता है, जबकि यूरोपीय देश यूक्रेन में सैनिक तैनात करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि अमेरिकी सैनिक यूक्रेन में तैनात नहीं होंगे और यूक्रेन का नाटो में शामिल होना भी नामुमकिन है। ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा, "यूरोपीय देश, जैसे फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन, यूक्रेन में सैनिक भेजने को तैयार हैं। हम हवाई सहायता दे सकते हैं, क्योंकि हमारी तकनीक सबसे बेहतर है।" ट्रम्प ने बताया कि उन्होंने सोमवार को यूरोपीय नेताओं के साथ बात की और अब वह रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच एक द्विपक्षीय बैठक कराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने पुतिन से बात की है और हम जेलेंस्की के साथ उनकी मुलाकात की योजना बना रहे हैं। अगर यह मुलाकात कामयाब रही तो मैं त्रिपक्षीय बैठक में मैं भी शामिल होऊंगा। ट्रम्प ने यह भी कहा कि अगर पुतिन इस बैठक से पीछे हटते हैं, तो हालात मुश्किल हो सकते हैं। साथ ही, उन्होंने जेलेंस्की से भी नरम रुख दिखाने को कहा है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को खत्म करने का एक बड़ा मुद्दा रूस के कब्जे वाले इलाकों का है। ट्रम्प ने कहा कि यूक्रेन को यह मानना होगा कि वह डोनबास जैसे कब्जे वाले इलाके वापस नहीं ले सकता। उन्होंने कहा- रूस ने डोनबास का 79% हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया है। रूस एक ताकतवर मिलिट्री देश है, जो यूक्रेन से कई गुना बड़ा है। यूक्रेन को शांति के लिए कुछ इलाके छोड़ने होंगे, लेकिन इसके बदले उसे शांति मिलेगी और लोगों की जान बच जाएगी। स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया पुतिन को यूक्रेन में शांति वार्ता के लिए इनवाइट करेंगे स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया ने मंगलवार को कहा कि वे रूस के राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए अपने देश में इनवाइट करेंगे। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी सुझाव दिया था कि पुतिन और जेलेंस्की के बीच शांति वार्ता यूरोप में, खासकर स्विट्जरलैंड जैसे न्यूट्रल देश में हो सकती है। स्विस विदेश मंत्री इग्नाजियो कैसिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर पुतिन शांति सम्मेलन के लिए स्विट्जरलैंड आते हैं, तो उन्हें आने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने कहा, "पिछले साल हमने तय किया था कि अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट वाले व्यक्ति को शांति वार्ता के लिए छूट दी जा सकती है। वहीं, ऑस्ट्रिया ने भी कहा कि अगर शांति वार्ता उनके देश में होती है, तो वे (इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट) ICC से संपर्क करेंगे ताकि पुतिन ऑस्ट्रिया आ सके। ICC ने मार्च 2023 में पुतिन के खिलाफ अरेस्‍ट वारंट जारी किया था। कोर्ट ने पुतिन को यूक्रेन में बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के जैसे वॉर क्राइम्स के लिए जिम्मेदार माना था। इसके बाद से पुतिन दूसरे देशों की यात्राएं करने से बचते रहे हैं। नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई PM पर धोखेबाजी के आरोप लगाए, कहा- वे यहूदी समाज का अपमान कर रहे इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज पर धोखेबाजी के आरोप लगाए। नेतन्याहू ने कहा कि इतिहास अल्बनीज को सबसे कमजोर राजनेता के रूप में याद रखेगा। दरअसल ऑस्ट्रेलिया ने 18 अगस्त को नेतन्याहू की पार्टी के सदस्य को देश में आने पर रोक लगा दिया था। इसके जवाब में इजराइल ने भी फिलिस्तीन में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधियों का वीजा रद्द कर दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई इमिग्रेशन मिनिस्टर ने नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि उन्होंने यह फैसला इस लिए लिया है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता प्रदान की थी। PM अल्बनीज ने 11 अगस्त को कहा था कि फिलिस्तीन को एक अलग देश के तौर पर मान्यता देने के फैसले पर सितंबर में विचार किया जाएगा। वहीं नेतन्याहू के इस फैसले पर इजराइल के विपक्षी नेता यार लैपिड ने इसे पीएम अल्बनीज के लिए उपहार बताया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “आज की लोकतांत्रिक दुनिया में यदि कोई लीडर बुराई का पर्याय बन चुके नेतन्याहू से टकराता है तो इससे उसकी लोकप्रियता बढ़ती है।” अफगानिस्तान में बस हादसा, 73 लोगों की मौत; ईरान से निकाले गए प्रवासी सवार थे अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में प्रवासियों से भरी एक बस, ट्रक और बाइक से टकरा गई। हादसे के बाद बस में आग लग गई, जिसमें 73 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 17 बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि यह बस ईरान से निकाले गए अफगान प्रवासियों को लेकर राजधानी काबुल की ओर जा रही थी। सभी यात्री इस्लाम काला बॉर्डर पार करके सवार हुए थे। हेरात के प्रांतीय प्रवक्ता अहमदुल्लाह मुत्ताकी ने X पर पोस्ट कर मौतों की पुष्टि की और इसे हाल के वर्षों का सबसे भीषण सड़क हादसा बताया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बस पूरी तरह जलती हुई और लोग अफरातफरी में भागते हुए दिखे। पूरा वीडियो यहां देखें... यूक्रेन में सैनिक तैनात नहीं करेगा अमेरिका, सुरक्षा गारंटी देने के लिए दूसरे तरीके अपनाएगा डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ कर दिया है कि अमेरिका यूक्रेन में सैनिक (बूट्स ऑन ग्राउंड) नहीं भेजेगा व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट मंगलवार रात यह जानकारी दी। लीविट ने कहा कि सुरक्षा गारंटी के लिए अन्य विकल्प खुले रहेंगे। इसमें हवाई मदद जैसे उपाय भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि ट्रम्प यूरोप के सहयोगियों और यूक्रेन-रूस के बीच एक नए सुरक्षा ढांचे पर काम कर रहे हैं ताकि लंबे समय तक शांति कायम की जा सके। वाइट हाउस के मुताबिक, ट्रम्प अमेरिकी टैक्सपेयर्स का पैसा सीधे युद्ध पर खर्च नहीं करना चाहते। इसी वजह से उन्होंने प्रस्ताव दिया कि नाटो अमेरिकी हथियार खरीदे और इन्हें यूक्रेन की मदद के लिए इस्तेमाल करे। लीविट ने यह भी कहा कि ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से कई बार बातचीत की है। दोनों देशों ने आपस में बातचीत शुरू करने की सहमति भी जताई है। वाइट हाउस का दावा है कि ट्रम्प की पहल से पहले भी कई वैश्विक संघर्ष खत्म हुए हैं और इससे अमेरिका को दुनिया में फिर से सम्मान मिला है। पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ से 706 लोगों की मौत, खैबर पख्तूनख्वा में सबसे ज्यादा तबाही पाकिस्तान में 26 जून से अब तक बारिश और बाढ़ से 706 लोगों की जान जा चुकी है। यह जानकारी इस्लामााबाद के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने दी है। वहीं घायलों की संख्या बढ़कर 965 हो गई है। NDMA के मुताबिक बारिश और बाढ़ का सबसे ज्यादा असर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में देखने को मिला। अकेले यहीं 427 लोगों की मौत हुई। इसके बाद पंजाब में 164, सिंध में 29, बलूचिस्तान में 22, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 56 और इस्लामाबाद क्षेत्र में 8 लोगों की मौत दर्ज की गई है। राहत और बचाव कार्यों के लिए पाकिस्तानी सेना ने प्रभावित इलाकों में ऑपरेशन तेज कर दिया है। UN में भारत का पाकिस्तानी सेना पर आरोप, 1971 की जंग में लाखों महिला के साथ यौन हिंसा की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में हुई बहस के दौरान भारत ने पाकिस्तान को महिलाओं पर हो रहे यौन अपराधों को लेकर घेरा। भारत के कार्यवाहक राजदूत एल्डोस मैथ्यू पुनूस ने कहा कि 1971 के बांग्लादेश युद्ध से लेकर अब तक पाकिस्तान की फौज लगातार अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ यौन हिंसा करती रही है। पुनूस ने याद दिलाया कि 1971 में ईस्ट पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना ने लाखों महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया था। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक पैटर्न आज भी जारी है। भारत ने बताया कि पाकिस्तान में आज भी अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के अपहरण, जबरन धर्मांतरण, बाल विवाह और यौन हिंसा की घटनाएं दर्ज की जा रही हैं। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की अदालतें कई बार इन अपराधों को वैध ठहराती हैं। विडंबना यह है कि जो अपराधी हैं, वही खुद को न्याय के चैंपियन बताने की कोशिश कर रहे हैं। भारत ने कहा कि देश ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड, 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन, हर जिले में सखी सेंटर और फास्ट ट्रैक कोर्ट जैसे कदम उठाए हैं। साथ ही शांति अभियानों में महिला पुलिस यूनिट्स की तैनाती कर दुनिया के लिए उदाहरण पेश किया है। अमेरिकी प्रेस सेक्रेटरी फिर बोलीं- ट्रम्प ने भारत-पाक संघर्ष रुकवाया, व्यापार को हथियार की तरह इस्तेमाल किया अमेरिका की व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक संघर्ष को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। प्रेस सेक्रेटरी के मुताबिक ट्रम्प ने ट्रेड को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर संघर्ष रोकने के लिए दबाव बनाया था। लीविट ने कहा कि ट्रम्प ने अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच पीस डील कराई। साथ ही रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो के बीच संघर्ष खत्म करने में मदद की। व्हाइट हाउस के मुताबिक, फिलहाल ट्रम्प का सबसे ज्यादा ध्यान रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास जंग को खत्म कराने पर है। ट्रम्प पहले भी कई बार भारत-पाक संघर्ष को खत्म कराने का श्रेय खुद को दे चुके हैं। मई में हुए संघर्ष के दौरान भारत ने पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत स्ट्राइक की थी। इसके बाद पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने भारत से सीजफायर का अनुरोध किया था। भारत ने बांग्लादेश ​​​​​​के खिलाफ साजिश के दावों को नकारा:कहा- हमारी जमीन से किसी देश के खिलाफ राजनीति की इजाजत नहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की चिंताओं को खारिज कर दिया। बांग्लादेश ने दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के कुछ कार्यकर्ता भारत में उसके खिलाफ राजनीतिक एक्टिविटी कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार को अवामी लीग की तरफ से भारत में किसी भी बांग्लादेश विरोधी गतिविधि की जानकारी नहीं है। भारत अपनी जमीन से किसी भी देश के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियों की इजाजत नहीं देता है। जायसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बयान को गलत बताया और कहा कि भारत चाहता है कि बांग्लादेश में जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं, ताकि जनता की इच्छा पता चल सके। यहां पढ़ें पूरी खबर... ट्रम्प ने वेनेजुएला के पास 3 वॉरशिप भेजे:ड्रग्स माफिया से निपटना मकसद, वेनेजुएला ने जवाब में 45 लाख लड़ाके तैनात किए, कहा- अमेरिका पागल हुआ ट्रम्प प्रशासन ने वेनेजुएला के पास तीन वॅारशिप तैनात भेजे है। वॅारशिप अगले कुछ घंटों में वेनेजुएला के तट के पास पहुंच जाएंगे। रॉयटर्स के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन ने सोमवार को कहा था कि ये तैनाती ड्रग कार्टेल्स (ड्रग्स की तस्करी करने वाले ग्रुप्स) और इससे जुड़ी हिंसा को रोकने के लिए किया जा रहा है। ट्रम्प प्रशासन का मानना है कि वेनेजुएला की सरकार ड्रग तस्करी को बढ़ावा दे रही है। वहीं, वेनेजुएला ने अमेरिका के इन आरोपों को खारिज किया है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने सोमवार को वॅारशिप तैनाती के खिलाफ 45 लाख सैनिकों को तैनात करने का ऐलान किया है। यहां पढ़ें पूरी खबर... मलेशिया में नमाज पढ़ना भूले तो 2 साल की जेल:60 हजार जुर्माना भी लगेगा, तेरेंगानू राज्य के शरिया कानून में हुआ बदलाव मलेशिया के तेरेंगानू राज्य में जुमे की नमाज पढ़ना भूलने पर अब जेल हो सकती है। द गार्डियन न्यूज के मुताबिक तेरेंगानू में नमाज छोड़ने या भूलने पर 2 साल की जेल या 3000 रिंगिट (62 हजार रुपए) का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। तेरेंगानू की राज्य सरकार ने सोमवार को इसका ऐलान किया। यह प्रावधान अगले सप्ताह से लागू हो जाएगा। सरकार ने कहा कि इस कानून को लागू कराने की जिम्मेदारी जनता और धार्मिक लोगों की होगी। लोगों को साइनबोर्ड के जरिए नए नियम की याद दिलाई जाएगी। तेरेंगानू में पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी (PAS) की सरकार है, इस पार्टी को मलेशिया में रूढ़िवादी विचारों का समर्थक माना जाता है। यहां पढ़ें पूरी खबर... इजराइल ने गाजा-सिटी पर कब्जे की प्लानिंग को मंजूरी दी:60 हजार रिजर्व फोर्स को ड्यूटी पर बुलाया; कुल 1.30 लाख सैनिक तैनात करेगा इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने गाजा सिटी पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी दी है। इसके लिए उन्होंने करीब 60 हजार एक्स्ट्रा सैनिकों (रिजर्व फोर्स) को ड्यूटी पर बुलाने का आदेश दिया है। इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इसकी पुष्टि की। इजराइल ने गाजा सिटी पर कब्जे के लिए 1.30 लाख सैनिकों को मोर्चे पर तैनात करने का फैसला किया है। सैनिकों को ड्यूटी जॉइन करने से कम से कम 2 हफ्ते पहले नोटिस दिया जाएगा। पहली खेप में 2 सितंबर को करीब 40-50 हजार सैनिक बुलाए जाएंगे। दूसरी खेप नवंबर-दिसंबर में और तीसरी फरवरी-मार्च 2026 में बुलाई जाएगी। यहां पढ़ें पूरी खबर... अमेरिका ने 6000 स्टूडेंट वीजा रद्द किए:इनमें से 4000 अपराध और आतंकवाद में शामिल; US में 11 लाख विदेशी छात्र अमेरिका ने 6000 से ज्यादा इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के वीजा रद्द कर दिए हैं। जांच में पाया गया कि इनमें से कुछ ने कानून तोड़ा, कुछ वीजा एक्सपायर होने के बाद भी रुके हुए थे, जबकि कुछ गंभीर अपराधों में शामिल थे। अमेरिका में रद्द किए गए 6000 वीजा में से लगभग दो-तिहाई यानी करीब 4000 वीजा धारक अपराधों में शामिल थे। इनमें मारपीट, चोरी और नशे में गाड़ी चलाना शामिल है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि कुछ मामले आतंकवाद से भी जुड़े थे। 2023-24 में अमेरिकी कॉलेजों में 11 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र पढ़ रहे थे। सरकार को चिंता है कि कुछ लोग एजुकेशन वीजा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वजह से वीजा नियमों की जांच को और सख्त किया जा रहा है। यहां पढ़ें पूरी खबर...
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