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    सहमति से यौनसंबंध के बाद शादी से इनकार दुष्कर्म नहीं:सूरत की सेशन कोर्ट ने कहा- लड़की ने होटल में पहचान पत्र दिए थे, इसलिए जबरदस्ती नहीं हुई

    2 weeks ago

    शादी का झांसा देकर एक लड़की से कई बार दुष्कर्म की शिकायत में सूरत की सत्र न्यायालय ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान आरोपी को बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सहमति से यौन संबंध बनाने के बाद शादी से इनकार करना दुष्कर्म का मामला नहीं बनता। पीड़िता ने आरोपी के साथ होटल और रेस्टोरेंट में बिना किसी दबाव के अपना पहचान पत्र दिया था, इसलिए उसके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की गई। कोर्ट ने कहा- इसके बाद भी पीड़िता को जब पता चल गया था कि युवक से विवाह संभव नहीं है तो भी उसने शारीरिक संबंध बनाए। सोशल मीडिया से हुई थी पहचान दर्ज शिकायत के मुताबिक, सूरत के डिंडोली इलाके में रहने वाला आरोपी एमटेक की पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात पीड़िता से हुई और उनके बीच प्रेम संबंध बन गए। पहली चैटिंग इंस्टाग्राम पर हुई। उसके बाद दोनों मिले। धीरे-धीरे दोस्ती हुई और फिर प्यार। इस दौरान दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए। प्रेमिका ने दर्ज शिकायत में कहा कि आरोपी ने शादी का वादा किया था और बाद में जब वह मुकर गया तो पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। करीब 3 साल तक मामला चलने के बाद गुरुवार को कोर्ट का फैसला आया। मेडिकल स्टोर से दवा लेकर घर पर ही गर्भपात कर दिया था अदालत में सुनवाई के दौरान यह भी पता चला कि पीड़िता और आरोपी ने आखिरी बार 6 फरवरी, 2022 को शारीरिक संबंध बनाए थे। बाद में पीड़िता ने 8 जून, 2022 को एक मेडिकल स्टोर से दवा लेकर घर पर ही गर्भपात करा लिया था। उसके बाद हुई मेडिकल जांच में पीड़िता का प्रेग्नेंसी टेस्ट निगेटिव आया था। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से वकील अश्विन जोगड़िया ने पैरवी की। लड़की ने बताया कि 30 से 35 बार शारीरिक संबंध बनाए सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि अन्य मेडिकल सबूतों के अलावा, डीएनए रिपोर्ट भी पीड़िता और आरोपी के नमूनों से मेल नहीं खाती। इसके अलावा, डॉ. शाहिद की गवाही में यह दर्ज किया गया कि पीड़िता ने मेडिकल टेस्ट के दौरान बताया था कि उसने 30 से 35 बार शारीरिक संबंध बनाए थे। इससे बचाव पक्ष को शक हुआ कि पीड़िता निम्फोमेनिया से पीड़ित है। अक्सर महिलाओं में पुरुषों की तुलना में शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा ज़्यादा होती है, जिसे निम्फोमेनिया कहते हैं। ----------------------- अदालत के फैसलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... हाईकोर्ट बोला- सहमति से बना संबंध दुष्कर्म नहीं, ट्रायल-कोर्ट के दोष सिद्ध का आदेश निरस्त हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने रेप के एक मामले में कहा है कि पीड़िता बालिग है और लंबे समय तक युवक को पति मानकर शारीरिक संबंध बनाई है तो फिर इसे दुष्कर्म नहीं माना जा सकता। इससे यह स्पष्ट है कि वह अपनी इच्छा से साथ रह रही थी। पूरी खबर पढ़ें... पति की याचिका पर धारा 377 का केस निरस्त:ग्वालियर HC ने कहा-पत्नी के साथ अप्राकृतिक संबंध दुष्कर्म नहीं ग्वालियर में दो साल पहले हुई शादी के बाद पत्नी ने दहेज प्रताड़ना के साथ ही अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए धारा 377 के तहत हाई कोर्ट में प्रकरण लगाया था। अब पति की याचिका पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने धारा 377 का केस निरस्त कर दिया है। पूरी खबर पढ़ें...
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