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    नियंत्रण की वास्तुकला भरत नेतृत्व, अस्तित्व और असंतोष का दमन !

    3 hours ago

    नियंत्रण की वास्तुकला भरत नेतृत्व, अस्तित्व और असंतोष का दमन !

    नेपोलियन ने कहा था कि अगर आप 100 कुत्तों की फौज तैयार करें और उसकी कयादत एक शेर के हवाले करें तो वह 100 कुत्ते शेर की तरह लड़ेंगे और अगर 100 शेरों की फौज तैयार करें और उसकी कयादत एक कुत्ते के हवाले करें तो वो सब शेर कुत्ते की मौत मरेंगे. यह बयान नेतृत्व के महत्व को रेखांकित करता है.

    आगे यह भी कहा गया है कि आवाम को सिर्फ दो वक्त की रोटी में उलझा दो। वो कभी भी तुम्हारी ताकत, चोरी या साजिश पर सवाल नहीं करेंगे. यह नियंत्रण की एक रणनीति है जहाँ लोगों को बुनियादी जरूरतों में उलझाकर रखा जाता है.

    विरोध को रोकने और क्रांति को कुचलने के लिए, अगर लोग रोजी, बिल, इलाज, कर्ज या नौकरी के पीछे दौड़ते रहे तो वह ना हक मांगेंगे और ना निजाम बदलने की हिम्मत करेंगे. उनके दिमाग में क्रांति के लिए कोई जगह नहीं छोड़नी चाहिए: उनके दिमाग में इंकलाब की गुंजाइश ही नहीं छोड़नी चाहिए.

    लोगों को इतना व्यस्त रखा जाना चाहिए कि वे केवल जीवित रहने को सफलता मानने लगें: इन्हें इतना मशरूफ कर दो कि वह सिर्फ जिंदा रहने को कामयाबी समझने लगे। सोचने, सीखने या सवाल करने की फुर्सत ही ना हो. और उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि चुप रहना ही फायदेमंद है: इन्हें लगे कि खामोश रहने में ही फायदा है.

    इसका अंतिम परिणाम यह है कि जब इंसान जिंदा रहने की जंग लड़ रहा हो तो वह आजाद होने की जंग लड़ने के काबिल नहीं रहता.

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    The Architecture of Control India Leadership, Survival, and Suppressing Dissent!
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