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    मूवी रिव्यू-हीर एक्सप्रेस:समाज को आईना दिखाते हुए खास संदेश देती है फिल्म, दिविता जुनेजा की मासूमियत ने जीता दिल

    12 hours ago

    'ओह माय गॉड' और '102 नॉट आउट' जैसी फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर उमेश शुक्ला की फिल्म ‘हीर एक्सप्रेस’ थिएटर में रिलीज हो चुकी है। पारिवारिक पृष्ठभूमि बनी इस फिल्म में रिश्तों की उलझनें, भावनाओं की गहराई और समाज की सच्चाई को बड़े ही संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इस फिल्म में दिविता जुनेजा, प्रीत कमानी के साथ आशुतोष राणा, संजय मिश्रा और गुलशन ग्रोवर की अहम भूमिका है। इस फिल्म की लेंथ 2 घंटा 20 मिनट है। दैनिक भास्कर ने इसे 5 में से 3 स्टार रेटिंग दी है। फिल्म की कहानी क्या है? हीर एक्सप्रेस एक फैमिली कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है जो प्यार और परिवार के महत्व को दर्शाती है। कहानी हीर वालिया (दिविता जुनेजा) नामक एक युवा, महत्वाकांक्षी लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे खाना पकाने का शौक है। वह अपने पाक कौशल से दुनिया जीतने का सपना देखती है। हीर अपना रेस्टोरेंट खोलने के इरादे से शेफ के रूप में काम करने के लिए लंदन जाती है। हालांकि रास्ते में उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर यह फिल्म यह सवाल खड़ा करती है कि क्या समाज की बनाई सीमाओं में रहकर कोई अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकता है या नहीं। स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है? इस फिल्म से दिविता जुनेजा ने इंडस्ट्री डेब्यू किया है। बात करें एक्टिंग की तो दिविता ने फिल्म में बढ़िया एक्टिंग की है। उनकी डायलॉग डिलिवरी काफी अच्छी है। उनकी मासूमियत और उनके प्यार से बोलने का अंदाज आपको कई दिनों तक याद रह जाएगा। उन्हें देखकर कहीं नहीं लगता कि यह उनकी पहली फिल्म है। उन्होंने अपने किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाया है। दिविता जुनेजा के अपोजिट प्रीत कमानी है जिनके साथ उनकी कैमिस्ट्री सहज और प्यारी लगती है। फिल्म में आशुतोष राणा, संजय मिश्रा और गुलशन ग्रोवर का भी किरदार प्रभावशाली है। फिल्म का डायरेक्शन कैसा है? इस फिल्म का निर्देशन उमेश शुक्ला ने किया है। निर्देशक ने कहानी को बिना भटकाव के सहजता से पेश किया है। फिल्म इंटरवल से पहले किरदारों के संघर्ष और बैकग्राउंड को दिखाने पर केंद्रित रहती है, जबकि उसके बाद कहानी भावनाओं के टकराव और क्लाइमेक्स की तरफ जाती है। वही फिल्म भावनात्मक दृश्य दर्शकों को बांधे रखती है। इसके अलावा फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और डायलॉग्स सभी कहानी के साथ न्याय करते हैं। फाइनल वर्डिक्ट, देखे या नहीं? 'हीर एक्सप्रेस' समाज को आईना दिखाने वाली फिल्म है। यह दर्शाती है कि किसी भी लड़की या युवक के सपनों को दबाना नहीं चाहिए। बल्कि उसका साथ देना चाहिए आगे बढ़ने में। इस तरह की यह फिल्म एक खास संदेश देती है। ऐसी फिल्म का थिएटर में आनंद लिया जा सकता है।
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