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    मोदी-डोभाल से मिले चीनी विदेश मंत्री वांग यी:चीन फर्टिलाइजर और रेयर-अर्थ मेटल देने को तैयार; जुलाई में निर्यात पर बैन लगा था

    3 weeks ago

    चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने आज शाम दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और NSA अजीत डोभाल से मुलाकात की। वांग यी 18 अगस्त को दो दिन के दौरे पर भारत पहुंचे हैं। वांग यी ने सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बातचीत की थी। चीन भारत को रेयर अर्थ मटेरियल देने पर तैयार हो गया है। जुलाई में चीन में इस पर रोक लगा दी थी। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक वांग यी ने जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत को खाद, रेयर अर्थ मटेरियल और टनल बोरिंग मशीन की सप्लाई करेगा। वांग यी ने कहा- दुनिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं। फ्री ट्रेड और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत और चीन, जो सबसे बड़े विकासशील देश हैं और जिनकी आबादी मिलकर 2.8 अरब से ज्यादा है, उन्हें जिम्मेदारी दिखाते हुए एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। NSA डोभाल से सीमा मुद्दे पर बात वांग यी ने 19 अगस्त को भारत के NSA अजित डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर बात की। वांग यी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जो समस्याएं आई हैं, वे दोनों देशों के लोगों के हित में नहीं थीं। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच हुई मुलाकात का जिक्र भी किया। चीनी विदेश मंत्री ने इस मुलाकात को द्विपक्षीय रिश्तों की दिशा तय करने वाली और सीमा विवाद को सुलझाने में नया जोश देने वाली बताया। वहीं, NSA अजीत डोभाल ने भरोसा जताया कि यह वार्ता भी पिछली वार्ता की तरह सफल रहेगी। उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री जल्द ही SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन जाएंगे। डोभाल ने आगे कहा कि पिछले कुछ समय में रिश्तों में सुधार हुआ है, सीमा पर शांति और स्थिरता बनी हुई है, हमारे द्विपक्षीय संबंध ज्यादा ठोस हुए हैं। गौरतलब है कि भारत-चीन संबंध 2020 में पूर्वी लद्दाख की तनातनी के बाद बिगड़े थे, लेकिन हाल के महीनों में बातचीत और समझौतों के जरिए रिश्तों में सुधार की कोशिशें तेज हुई हैं। चीन ने पिछले महीने भारत को जरूरी मशीनों की डिलीवरी रोकी चीन ने जुलाई 2025 की शुरुआत में भारत को जरूरी मशीनों और पार्ट्स की डिलीवरी पर रोक लगा दी थी। ये मशीनें और पार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स के लिए बेहद जरूरी हैं। इसके अलावा, भारत में आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने अपने 300 से ज्यादा चीनी इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स को भारत से वापस बुलाने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने ऐसा भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रभावित करने के लिए किया। इससे पहले अप्रैल में चीन ने सात रेयर अर्थ मटेरियल के एक्सपोर्ट पर सख्त पाबंदियां लगा दी थीं। इनके आयात के लिए स्पेशल लाइसेंस जरूरी कर दिया था। इसकी वजह से भारत को होने वाली सप्लाई रुक गई। चीन ने क्यों लगाए प्रतिबंध? चीन ने रेयर अर्थ मटेरियल्स के एक्सपोर्ट पर सख्ती इसलिए की है, क्योंकि वो इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और गैर-सैन्य इस्तेमाल से जोड़ता है। अप्रैल 2025 में लागू हुए नए नियमों के तहत हर इम्पोर्टर को "एंड-यूजर सर्टिफिकेट" देना होगा, जिसमें ये साबित करना होगा कि मैग्नेट्स का इस्तेमाल सैन्य कामों या अमेरिका को री-एक्सपोर्ट के लिए नहीं होगा। ------------------------------ भारत- चीन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें..... चीन बोला- प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत है: भारतीय PM गलवान झड़प के बाद पहली बार चीन जाएंगे; SCO समिट में शामिल होंगे तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी चीन जाएंगे। इस फैसले का पिछले हफ्ते चीनी विदेश मंत्रालय ने स्वागत किया। यह पहला मौका होगा जब PM मोदी गलवान घाटी में 2020 की झड़प के बाद चीन की यात्रा करेंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें...
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