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    मलेशिया में नमाज पढ़ना भूले तो 2 साल की जेल:60 हजार जुर्माना भी लगेगा, तेरेंगानू राज्य के शरिया कानून में हुआ बदलाव

    3 weeks ago

    मलेशिया के तेरेंगानू राज्य में जुमे की नमाज पढ़ना भूलने पर अब जेल हो सकती है। द गार्डियन न्यूज के मुताबिक तेरेंगानू में नमाज छोड़ने या भूलने पर 2 साल की जेल या 3000 रिंगिट (62 हजार रुपए) का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। तेरेंगानू की राज्य सरकार ने सोमवार को इसका ऐलान किया। यह प्रावधान अगले सप्ताह से लागू हो जाएगा। सरकार ने कहा कि इस कानून को लागू कराने की जिम्मेदारी जनता और धार्मिक लोगों की होगी। लोगों को साइनबोर्ड के जरिए नए नियम की याद दिलाई जाएगी। तेरेंगानू में पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी (PAS) की सरकार है, इस पार्टी को मलेशिया में रूढ़िवादी विचारों का समर्थक माना जाता है। बैनर लगाकर लोगों को नमाज पढ़ना याद दिलाया जाएगा पहले नमाज न पढ़ने पर 20 हजार का जुर्माना लगता था तेरेंगानू एक मुस्लिम बहुल राज्य है, जहां 12 लाख की आबादी में 97% से ज्यादा लोग मुस्लिम हैं। यहां पर पहले भी नमाज न पढ़ने को लेकर कड़े कानून थे। पहले के नियमों में केवल उन लोगों को सजा दी जाती थी, जो लगातार तीन शुक्रवार की नमाज में शामिल नहीं होते थे। उस सजा में अधिकतम 6 महीने की जेल या 1,000 रिंगिट (लगभग 20,606 रुपए) का जुर्माना शामिल था। नए कानून ने सजा को और कड़ा कर दिया है। तेरेंगानु राज्य विधानसभा के सदस्य मुहम्मद खलील हादी ने कहा कि, 'यह सजा हमारे धर्म को बचाने के अंतिम उपाय के रूप में लागू की जाएगी।' उन्होंने कहा, 'शुक्रवार की नमाज मुसलमानों के बीच एक धार्मिक प्रतीक है।' देशभर में शरिया कानून लागू करना चाहती है पार्टी पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी (PAS) मलेशिया की मुस्लिम राजनीतिक पार्टी है, जिसका गठन 24 नवंबर 1951 को हुआ था। यह पार्टी इस्लामिक कानून (शरिया) को लागू करने और मलेशिया को इस्लामिक राज्य बनाने के प्रयासों लिए जानी जाती है। PAS खासकर मलय मुस्लिम समुदाय के हितों पर जोर देती और ग्रामीण और रूढ़िवादी इलाकों से इसे मजबूत समर्थन मिलता है। PAS की मलेशिया के 13 में से 4 राज्यों में सरकार है। PAS शरिया और हुदूद (इस्लामिक आपराधिक दंड) को देशभर में लागू करने की वकालत करता है, खासकर केलंतान और तेरेंगानु इलाके में। तेरेंगानु एकमात्र ऐसा मलेशियाई राज्य है जिसकी विधान सभा में कोई विपक्ष नहीं है, यहां 2022 में सभी 32 सीटों पर PAS को जीता था। शरिया कानून में रमजान में खाना-पीने पर मनाही मलेशिया में शरिया कानून सबसे पहले 2001 में तेरेंगानू राज्य विधानसभा ने पारित किया था। बाद में इसे 2016 में संशोधित किया गया, जिसमें कई अपराधों के लिए सख्त सजाए जोड़ी गईं। इनमें रमजान में खाना-पीना, जुमे की नमाज छोड़ना और महिलाओं को सार्वजनिक स्थान पर परेशान करना शामिल था।
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