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    लद्दाख DGP बोले- वांगचुक पाकिस्तानी जासूस के संपर्क में थे:बांग्लादेश का दौरा भी किया; फिलहाल जोधपुर जेल में बंद, NSA लगाया गया

    22 hours ago

    सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेकर लद्दाख के DGP एसडी सिंह जामवाल ने कहा कि, वांगचुक का पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य से संपर्क था। PIO मेंबर को पुलिस ने कुछ दिनों पहले ही पकड़ा था। वह जरूरी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है। यही नहीं वांगचुक बांग्लादेश भी गए थे। वांगचुक को शुक्रवार दोपहर पुलिस ने उनके गांव उल्याकटोपो से गिरफ्तार किया था। उन्हें एयरलिफ्ट कर राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, जिसके तहत लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत में रखा जा सकता है। सरकार ने वांगचुक को लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा का जिम्मेदार बताया था। इस हिंसा में 4 युवकों की मौत हुई थी और 80 लोग घायल हुए थे, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेह में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। लगातार चौथे दिन कर्फ्यू लगा है और स्कूल-कॉलेज बंद हैं। एहतियातन प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार किया सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जब वे लेह नहीं पहुंचे तो आयोजकों को शक हुआ। बाद में गिरफ्तारी की खबर मिली। इसके बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। आयोजकों ने माना, हिंसा उन युवाओं से हुई जो ‘काबू से बाहर’ हो गए थे, लेकिन इसमें किसी विदेशी ताकत का हाथ नहीं है। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस और CRPF ने न तो पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और न ही चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं, बल्कि सीधे अंधाधुंध फायरिंग की। वांगचुक को पहले से गिरफ्तारी का अंदेशा था सोनम वांगचुक को पहले से अंदेशा था कि सरकार उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि “इस मुद्दे पर कभी भी गिरफ्तार होना पड़े तो मुझे खुशी होगी।” लेकिन अब उनकी गिरफ्तारी से माहौल शांत होने के बजाय और बिगड़ सकता है। माना जा रहा है कि इससे लद्दाख के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच चल रही बातचीत पर भी असर पड़ सकता है। वांगचुक पिछले पांच साल से लद्दाख के अधिकारों की लड़ाई का बड़ा चेहरा रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि वांगचुक हिंसा भड़काने वाले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। लेह हिंसा के बाद अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई... --------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... सोनम वांगचुक के समर्थन में जोधपुर-जेल के बाहर पहुंचा युवक: बोला- लेह-लद्दाख के सभी नागरिक देशभक्त लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। आज (शनिवार) सुबह सवा दस बजे उनके समर्थन में एक युवक तिरंगा लिए जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर पहुंच गया। भारत माता की जय के नारे लगाने लगा। पूरी खबर पढ़ें... लद्दाख में राज्य का दर्जा मांग रहे प्रदर्शनकारियों ने लेह में भाजपा ऑफिस जलाया, शहर में मार्च-रैली बैन केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शन हुआ। छात्रों की पुलिस और सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हैं। पूरी खबर पढ़ें...
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