SEARCH

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    हाईकोर्ट बोला- शिक्षित महिला नहीं कह सकती वह गुमराह है:अगर मर्जी से शादीशुदा पुरुष से संबंध रखती है तो फैसले के लिए खुद जिम्मेदार

    1 day ago

    दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि एक शिक्षित और स्वतंत्र महिला अपनी मर्जी से एक शादीशुदा पुरुष के साथ संबंध रखती है, तो वह यह दावा नहीं कर सकती कि उसे गुमराह या शोषित किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने यह फैसला एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज FIR को खारिज करते हुए सुनाया, जिस पर शादी का झांसा देकर, धोखाधड़ी और ठगी के साथ-साथ शिकायतकर्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने रेप का मामला खारिज करते हुए कहा- शिकायतकर्ता को पता था कि आरोपी ने किसी और से शादी कर ली है, फिर भी वह उसके साथ स्वेच्छा से रही और यौन संबंध बनाए रखे। ये परिस्थितियां पुष्ट करती हैं कि दोनों पक्षों के बीच संबंध सहमति से थे और शादी के झूठे वादे से प्रेरित नहीं थे। ऐसे मामलों में वयस्कों को अपनी मर्जी से लिए गए फैसलों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कोर्ट का यह फैसला 3 सितंबर को आया था, जिसकी जानकारी अब सामने आई है। महिला ने दावा किया था कि आरोपी ने शादी का वादा करके कई बार उसका रेप किया और बाद में दूसरी महिला से शादी कर ली। जस्टिस बोलीं- रिश्ता टूटने पर रेप के आरोप लगाए जाते हैं कोर्ट में बताया गया कि शिकायतकर्ता और आरोपी की शादी को लेकर दोनों के घरवालों के बीच बातचीत हुई थी। हालांकि, दहेज की मांग के कारण शादी टूट गई। फिर भी, शिकायतकर्ता और आरोपी एक-दूसरे से मिलते रहे, साथ घूमते-फिरते रहे और सहमति से शारीरिक संबंध भी बनाए। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि न्याय प्रणाली रेप के मामलों से जुड़े केस के बोझ तले दबी जा रही है। अक्सर लंबे समय तक सहमति से बने संबंधों के बाद शादी के झूठे वादे के आधार पर रेप के आरोप लगाए जाते हैं। जस्टिस ने कहा- अदालतों में ऐसे कई मामले आते हैं जहां बालिग होने के बावजूद लोग स्वेच्छा से लंबे समय तक यौन संबंध बनाते हैं और अंत में तालमेल की कमी या किसी अन्य मतभेद के कारण संबंध टूट जाता है, तो रेप के आरोप लगाते हैं। कोर्ट ने कहा- रेप कानून गलत इस्तेमाल के लिए नहीं बनाया गया फैसले में आगे कहा गया- ऐसे हर असफल रिश्ते को रेप के मामले में बदलने की इजाजत देना न केवल न्याय की संवैधानिक दृष्टि से गलत होगा, बल्कि यौन अपराधों के कानून की मूल भावना और उद्देश्य के भी विपरीत होगा। कोर्ट ने कहा- रेप के खिलाफ कानून का मकसद महिलाओं की शारीरिक अखंडता और स्वायत्तता की रक्षा करना और उन लोगों को सजा देना है जो बलपूर्वक या धोखे से उनका शोषण करते हैं। इसे उन विवादों में हथियार बनने के लिए नहीं बनाया गया है जहां दो वयस्क अपनी सहमति, पसंद और उससे जुड़े परिणामों से पूरी तरह वाकिफ होते हुए, बाद में अलग हो जाते हैं। ................................. रिलेशनशिप पर कोर्ट के फैसलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट बोला- अलग रहना है तो शादी न करें, पति-पत्नी में झगड़े होते हैं, बच्चों की क्या गलती सुप्रीम कोर्ट ने 21 अगस्त को कहा कि एक शादीशुदा जोड़े में पति या पत्नी का अलग रहना नामुमकिन है। दोनों में से कोई भी यह नहीं कह सकता कि वे अपने पार्टनर से अलग रहना चाहते हैं। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि अगर कोई अलग रहना चाहता है तो उसे शादी नहीं करनी चाहिए। पूरी खबर पढ़ें... SC बोला- बिना रस्मों के हिंदू विवाह मान्य नहीं, ये नाचने-गाने और खाने-पीने का इवेंट नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदू विवाह कोई नाचने-गाने या खाने-पीने का मौका भर नहीं है। न ये कोई व्यापारिक लेन-देन है। जब तक इसमें रस्में नहीं निभाई जातीं, तब तक इसे हिंदू मैरिज एक्ट के तहत वैध नहीं माना जा सकता है। पूरी खबर पढ़ें ...
    Click here to Read more
    Prev Article
    PM मोदी ने पंजाब को ₹1600 करोड़ दिए:AAP सरकार बोली- ये मजाक, जख्मों पर नमक छिड़का; हिमाचल को ₹1500 करोड़ मिलेंगे
    Next Article
    जम्मू-कश्मीर में AAP विधायक की गिरफ्तारी का विरोध:डोडा में पुलिस पर पत्थरबाजी; मेहराज मलिक को कल PSA के तहत हिरासत में लिया था

    Related भारत Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment