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    फिल्म रिव्यू- मिराई:त्याग, धर्म और भारतीय संस्कृति से सजी महागाथा, तेजा सज्जा की मासूमियत और दमदार एक्शन ने जीता दिल, क्लाइमेक्स में बड़ा राज

    10 hours ago

    तेजा सज्जा की फिल्म 'मिराई' भारतीय पौराणिक कथाओं और आधुनिक सुपरहीरो टेम्पलेट का ऐसा संगम है, जो बड़े परदे पर दर्शकों को नया अनुभव देता है। 2 घंटे 49 मिनट लंबी इस फिल्म का निर्देशन कार्तिक गट्टमनेनी ने किया है और यह अपने स्केल और विजुअल्स से प्रभावित करती है। फिल्म की कहानी कहानी की जड़ें सम्राट अशोक के काल से शुरू होती हैं। जब उन्होंने अपनी शक्तियों को नौ पवित्र ग्रंथों में बांट दिया, जिन्हें सैकड़ों सालों से इन्हें बचाने की जिम्मेदारी अलग-अलग पीढ़ियां उठाती रही हैं। अंबिका (श्रिया सरन) इन ग्रंथों की रक्षक हैं और अपने प्राणों की आहुति देकर 9वें ग्रंथ मिराई की रक्षा करती हैं। उनका बेटा वेद (तेजा सज्जा) आगे चलकर सुपर योद्धा बनता है, जिसे इन ग्रंथों की सुरक्षा करनी है। उसके सामने खड़ा है महावीर लामा (मनोज कुमार मांचू), जो अमरत्व पाने के लिए इन ग्रंथों को हासिल करना चाहता है। फिल्म में एक्टिंग तेजा सज्जा फिल्म की जान हैं। उनकी मासूमियत और इमोशन्स से लेकर एक्शन तक हर रंग परदे पर दिखाई देता है। मनोज कुमार मांचू खलनायक के तौर पर प्रभावशाली हैं और उनका स्क्रीन प्रेजेंस दमदार है। रितिका नायक ने कहानी में भावुकता और शांति का टच दिया है, वहीं श्रिया सरन त्याग और मां की ममता का प्रतीक बनकर दिल छू लेती हैं। जगपति बाबू और जयराम जैसे सीनियर कलाकारों ने भी अपनी मौजूदगी से कहानी को मजबूती दी है। निर्देशन और तकनीकी पहलू कार्तिक गट्टमनेनी का विजन बड़ा है। उन्होंने हिमालय, बनारस, हैदराबाद, जापान, तिब्बत और मोरक्को जैसी लोकेशंस को शानदार ढंग से पेश किया है, जो फिल्म को अंतरराष्ट्रीय अहसास देती हैं। एक्शन और मार्शल आर्ट्स का लेवल इंटरनेशनल क्वालिटी का है। हालांकि, फिल्म की लंबाई खलती है और कई जगह स्क्रीनप्ले ढीला पड़ जाता है। विजुअल्स का स्केल प्रभावित करता है, लेकिन कुछ CGI सीन्स उम्मीद के मुताबिक असरदार नहीं लगते और इमोशनल हिस्से भी हर बार गहरी पकड़ नहीं बना पाते। फिल्म का संगीत फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और गाने कहानी को मजबूती देते हैं। देशी वाद्यों और विदेशी ताल का मिला-जुला अंदाज कई सीन्स को ऊंचाई प्रदान करता है। स्पेशल सरप्राइज और सीक्वल फिल्म के अंत में राणा दग्गुबाती की सरप्राइज एंट्री होती है, जो यह साफ संकेत देती है कि 'मिराई' एक बड़े सिनेमैटिक यूनिवर्स की शुरुआत है। राणा का किरदार आगे की कहानी में गहराई और रहस्य जोड़ेगा। यह क्लिफहैंगर दर्शकों को सीक्वल के लिए उत्साहित करता है। क्यों देखें यह फिल्म अगर आपको पौराणिक कथाओं और सुपरहीरो फिल्मों का संगम पसंद है, तो 'मिराई' आपके लिए है। विशाल स्केल, भव्य सेट डिजाइन और तेजा सज्जा का दमदार प्रदर्शन इसे खास बनाते हैं। हां, लंबाई और कुछ कमजोरियां खटकती हैं, लेकिन बड़े परदे पर यह अनुभव देखने लायक है।
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