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    CCPA ने VLCC पर ₹3 लाख का जुर्माना लगाया:कंपनी के विज्ञापन में ट्रीटमेंट के जरिए वजन घटाने के झूठे दावे किए गए थे

    2 weeks ago

    सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने VLCC लिमिटेड पर भ्रामक विज्ञापन पब्लिश करने के लिए 3 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। CCPA का आरोप है कि कंपनी ने US-FDA अप्रूव्ड कूलस्कल्प्टिंग प्रोसीजर या मशीन के इस्तेमाल से फैट-लॉस यानी वजन कम करने और स्लिमिंग ट्रीटमेंट्स के झूठे दावे किए थे। PIB की प्रेस रिलीज में इस बात की जानकारी दी गई है। VLCC लिमिटेड का मामला एक शिकायत और स्लिमिंग एवं ब्यूटी सेक्टर के विज्ञापनों की निगरानी के जरिए CCPA के संज्ञान में आया। जांच करने पर पता चला कि VLCC एक ही सेशन में कई किलो वजन घटाने और कई इंच कम करने का बढ़ा-चढ़ाकर दावा कर रही थी। परमानेंट वेट लॉस का दावा कर रही थी कंपनी यह कूलस्कल्प्टिंग मशीन को दिए गए एक्चुअल अप्रूवल से कहीं ज्यादा था, जिससे कंज्यूमर गुमराह हो रहे थे। जांच से यह भी पता चला कि VLCC के विज्ञापनों में कूलस्कल्प्टिंग और उससे जुड़े प्रोसीजर्स को परमानेंट वेट लॉस और साइज घटाने के उपाय के रूप में भी पेश किया गया था। CCPA ने काया लिमिटेड पर भी ₹3 लाख का जुर्माना लगाया इससे पहले CCPA ने कूलस्कल्प्टिंग ट्रीटमेंट्स पर भ्रामक विज्ञापन पब्लिश करने के लिए काया लिमिटेड पर भी 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। काया लिमिटेड के विज्ञापनों में दावा किया गया था कि काया के नॉन-सर्जिकल फैट रिडक्शन और कूलस्कल्प्टिंग ट्रीटमेंट आपको आसानी से फैट-लॉस यानी वजन कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं कंपनी ने विज्ञापनों में भ्रामक बिफोर एंड आफ्टर तस्वीरें भी दिखाईं थीं। कंपनी के ये दावे एक्चुअल US-FDA अप्रूवल से परे थे और इस प्रोसीजर को वजन घटाने के ट्रीटमेंट के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। काया लिमिटेड ने CCPA के आदेश का पालन किया है और जुर्माने की राशि जमा भी कर दी है। 30 या उससे कम BMI वाले लोगों के लिए ही अप्रूव्ड है कूलस्कल्प्टिंग CCPA का कहना है कि ऐसे विज्ञापनों ने कंज्यूमर्स को यह गलत इंप्रेशन दिया कि कूलस्कल्प्टिंग परमानेंट और एक बार में कई किलो वजन घटाने की गारंटी देता है। वास्तव में यह प्रोसीजर सिर्फ शरीर के कुछ हिस्सों का फैट कम करने और 30 या उससे कम बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वाले लोगों के लिए ही अप्रूव्ड है। कूलस्कल्प्टिंग मशीन के बारे में CCPA ने ये बातें कहीं... कूलस्कल्प्टिंग मशीन को जेल्टिक एस्थेटिक्स कंपनी ने बनाया है। इस मशीन को US-FDA ने केवल ऊपरी बांह, ब्रा फैट, पीठ का फैट, बनाना रोल, ठुड्डी के नीचे का हिस्सा, जांघ, पेट और कमर के आसपास के फैट को कम करने के लिए मंजूरी दी है। ये वजन घटाने का इलाज नहीं है। US-FDA को दिए गए क्लिनिकल ट्रायल में केवल 57 लोग शामिल थे, जो कॉकेशियन, हिस्पैनिक और अफ्रीकी अमेरिकन्स थे। इसमें कोई भारतीय या एशियाई लोग शामिल नहीं थे। US-FDA ने भारत में कूलस्कल्प्टिंग के इस्तेमाल के लिए कोई खास मंजूरी नहीं दी है। इन जरूरी तथ्यों को छुपाकर VLCC ने उपभोक्ताओं को गुमराह किया, जो कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 का उल्लंघन है। CCPA ने VLCC को निर्देश दिया है कि भविष्य के सभी विज्ञापनों में इन बातों का सख्ती से पालन करें... 1. विज्ञापनों/डिस्क्लेमर में स्पष्ट रूप से बताएं: 2. कूलस्कल्प्टिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल फैट को कम करने के लिए है, न कि वजन घटाने के लिए। ये बात विज्ञापनों और सहमति फॉर्म में साफ और आसानी से पढ़ने लायक तरीके से लिखी होनी चाहिए। 3. केवल वही दावे करें जो यूएस-एफडीए ने मंजूर किए हैं। 4. कंज्यूमर्स को सर्विस लेने से पहले बताएं कि भारतीय आबादी पर इसका टेस्ट नहीं हुआ है और भारत के लिए यूएस-एफडीए की कोई मंजूरी नहीं है। 5. उन अनुचित और पक्षपातपूर्ण कॉन्ट्रैक्ट क्लॉज को हटाएं जो कानूनी जिम्मेदारी और दावों से बचने की कोशिश करते हैं। CCPA की सभी क्लीनिकों को चेतावनी CCPA ने भारत में कूलस्कल्प्टिंग मशीन का इस्तेमाल करने वाले सभी ब्यूटी क्लिनिक, वेलनेस सेंटर और सर्विस प्रोवाइडर्स को चेतावनी दी है कि इन निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। किसी भी उल्लंघन पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें जुर्माना, भ्रामक विज्ञापनों को बंद करना और कानूनी कार्रवाई शामिल है। CCPA की कंज्यूमर्स को सलाह ये आदेश CCPA के उस कमिटमेंट को मजबूत करता है, जो हेल्थ, वेलनेस और ब्यूटी इंडस्ट्री में झूठे और भ्रामक विज्ञापनों से कंज्यूमर्स को बचाने के लिए है। कंज्यूमर्स को सलाह दी जाती है कि वे सावधान रहें और कूलस्कल्प्टिंग के जरिए तुरंत वजन घटाने या परमानेंट साइज कम करने का वादा करने वाले विज्ञापनों के झांसे में न आएं। ये खबर भी पढ़ें... 25 अगस्त से अमेरिका के लिए भारतीय डाक सेवाएं सस्पेंड: सिर्फ 8700 रुपए तक के डॉक्यूमेंट-गिफ्ट भेज सकेंगे; अमेरिकी टैरिफ की वजह से फैसला भारतीय डाक विभाग 25 अगस्त से अमेरिका के लिए ज्यादातर डाक सामानों की बुकिंग सस्पेंड करने जा रहा है। फिलहाल ये फैसला अस्थायी रूप से लागू होगा। 23 अगस्त को डाक विभाग ने एक प्रेस नोट जारी करके इसकी जानकारी दी। पूरी खबर पढ़ें...
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